नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. फेफड़ों में संक्रमण के बाद उन्हें रांची के रिम्स से हवाई मार्ग से दिल्ली के एम्स लाया गया था. उनकी देखरेख कर रही टीम के सदस्य डॉ. राकेश यादव ने मंगलवार को यह बात कही. डॉ. यादव ने कहा, "जिस दिन उन्हें भर्ती किया गया था, उस दिन की अपेक्षा उनकी स्थिति में अब थोड़ा सुधार आया है."
डॉक्टर ने बताया कि लालू को पल्मोनरी एडिमा हो गया है. इस रोग में फेफड़ों में अतिरिक्त द्रव जमा हो जाता है. आमतौर पर इसे निमोनिया का संक्रमण कहा जाता है. डॉ. यादव ने कहा, "वह कुछ देर बात करने और बैठने में सक्षम हैं. आईसीयू में रखे जाने के बाद भी वह वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं." राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख को इस समय किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने की अनुमति नहीं है. डॉक्टर ने कहा, "कोरोनो वायरस अभी भी प्रभावी है, इसलिए हमने आगंतुकों का उनसे मिलना निषिद्ध कर दिया है."
लालू को शनिवार को एम्स में भर्ती कराया गया था
पूर्व केंद्रीय मंत्री को अस्पताल के कार्डिएक इंटेंसिव केयर यूनिट (सीआईसीयू) में रखा गया है. वह अस्पताल के एक प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश यादव की देखरेख में हैं. डॉ. यादव पहले भी लालू का इलाज कर चुके हैं. सीआईसीयू वार्ड विशेष रूप से दिल के दौरे, अस्थिर एंजाइना, कार्डिएक डिसरिदमिया के रोगियों के लिए है, जिन्हें विभिन्न कार्डिएक स्थितियों में निरंतर निगरानी और उपचार की जरूरत होती है.
72 वर्षीय लालू प्रसाद को शनिवार को एम्स में भर्ती कराया गया था. रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया गया, जहां उन्हें भर्ती कराया गया. उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव उनके साथ अस्पताल गए. रिम्स की आठ सदस्यीय टीम ने उन्हें इलाज के लिए एम्स रेफर किया था. रिम्स के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने बताया था कि लालू प्रसाद को निमोनिया हो गया था और उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिसंबर 2017 से न्यायिक हिरासत में हैं. जेल की सजा का उनका ज्यादातर समय झारखंड के रिम्स अस्पताल में गुजरा है.
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