पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने बुधवार को लगभग छह सालों बाद चुनावी सभा संबोधित की. बेल पर बाहर आए लालू यादव ने बिहार में होने वाले उपचुनाव (Bihar Assembly By-election) के बाबत तारापुर में जनसभा संबोधित की. इधर, लालू की जनसभा को लेकर समर्थकों को जबरदस्त उत्साह दिखा. तारापुर के ईदगाह में आयोजित जनसभा में खूब कुर्सियां टूटीं. लोग लालू यदाव की एक झलक पाने को इतने उतारू थे कि वे छतों और कुर्सियों पर चढ़ कर उन्हें देख रहे थे.


सांस लेने में हो रही थी दिक्कत


भीड़ ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा, वे उन्हें धकेलने लगे. ऐसे में काफी दिक्कतों का सामना करते हुए मीडिया के लोगों ने कवरेज किया. भीड़ इतनी अधिक थी कि लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही थी. भीड़ पुलिसकर्मियों से भी नहीं संभली. उन्हें भी लोगों का धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा.


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पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई


बता दें कि सभा स्थल पर चार-चार डीएसपी, मजिस्टेट समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. मगर छह साल बाद चुनावी सभा संबोधित कर रहे लालू को देखने के लिए लोग उतारू दिखे. बहरहाल, जनसभा में भीड़ तो बहुत थी. लेकिन जनता आगामी 30 तारीख को किसे वोट करती है, यह तो वक्त ही बताएगा.


जनसभा के दौरान कही ये बात


इधर, लालू यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, " हम नीतीश कुमार का विसर्जन करने आए हैं. इस बार मौका है, उन्हें उखाड़ फेंकने का और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का. नीतीश कुमार ने जिसे अपना उम्मीदवार यहां बनाया है, वह बम कांड में अभियुक्त है. वो हमें डराता है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. इस क्षेत्र की जनता से अपील है कि 30 तारीख को लालटेन पर बटन दबाकर अरुण साह को भारी मतों से विजय बनाएं और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना लें, वो गरीबों का भला करेगा."



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