बिहारः मुख्य सचिव और कमिश्नर की रिपोर्ट पर लालू यादव का तंज, कहा- जालसाज सत्ता में बैठ मौत भी छुपा रहे
पटना हाई कोर्ट में सोमवार को मुख्य सचिव और कमिश्नर ने बक्सर में मिल रहे शवों पर सौंपी थी रिपोर्ट.दोनों के आंकड़ों में काफी अंतर दिखा, इन्हीं के आधार पर लालू यादव ने सरकार पर निशाना साधा है.
पटनाः बक्सर के महादेवा घाट से कुछ दिनों पहले गंगा में शवों के बहने का मामला सामने आया था. लोकहित याचिका के बाद यह मामला पटना हाई कोर्ट पहुंच गया, जिसके बाद सोमवार को हाई कोर्ट में मुख्य सचिव और कमिश्नर की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में गड़बड़ी दिखी. अब उसी आंकड़ों के आधार पर लालू यादव ने सरकार पर तंज कसा है.
मुख्य सचिव और पटना आयुक्त की रिपोर्ट के आंकड़ों में गड़बड़ी पर मंगलवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साथा. लालू यादव ने लिखा “बिहार के महा के महाजंगलराज की कहानी. जालसाज सत्ता में बैठे मौत भी छुपा रहे हैं. माननीय हाईकोर्ट ने पूछा बक्सर जिला में कुल कितनी मौतें हुई? मुख्य सचिव: 6 और कमिश्नर बोले 789. हाईकोर्ट- सच कौन?”
किसी ने कहा छह मौतें, किसी ने बताया 789
दरअसल, सोमवार को हाई कोर्ट में मुख्य सचिव द्वारा दाखिल जवाब में बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में एक से 13 मई के बीच बक्सर में सिर्फ छह लोगों की मौतें हुईं, जबकि पटना आयुक्त की रिपोर्ट में कहा गया कि पांच मई से 14 मई के बीच बक्सर के सिर्फ एक घाट पर 789 लाशें जलाई गईं.
बुधवार तक फिर से हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक की लोकहित याचिका पर सुनवाई की. सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने मुख्य सचिव एवं पटना प्रमंडल आयुक्त की 34 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की. दोनों के आंकड़े अलग-अलग थे. इसपर पटना हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि बक्सर में जब सिर्फ छह मौतें ही कोरोना से हुई है तो सिर्फ मुक्तिधाम चरित्र वन में दस दिनों में 789 लाशें कैसे जलाई गईं? बुधवार तक कोर्ट ने फिर से जवाब देने के लिए कहा है.
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