बरसाने की गलियों में भक्ति में खोए लालू के ‘लाल’ तेज प्रताप, देखें VIDEO
तेज प्रताप यादव ने इंस्टाग्राम पर कई वीडियो पोस्ट किया है. इन दिनों तेज प्रताप ने कई वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे बरसाना के सांकरी खोर में भक्ति में गोता लगा रहे हैं. इंस्टाग्राम पर ही एक वीडियो पोस्ट में वे गीता पढ़ते भी नजर आ रहे हैं.
पटनाः लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव अपने अंदाज के लिए ही जाने जाते हैं. कभी वे कृष्ण बनकर तस्वीर और वीडियो पोस्ट करते हैं, तो कभी गीता पढ़ते हुए. इन दिनों तेज प्रताप ने कई वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वे बरसाना के सांकरी खोर में भक्ति में गोता लगा रहे हैं. लगातार इसका वीडियो बनाकर वे अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी कर रहे हैं.
इंस्टाग्राम पर ही एक वीडियो पोस्ट में वे गीता पढ़ते भी नजर आ रहे हैं. इसके अलावा एक वीडियो में वे ध्यान भी लगा रहे हैं. इंस्टा के एक पोस्ट में उन्होंने सांकरी गली के बारे में भी लिखा है. तेज प्रताप ने लिखा कि सांकरी गली एक ऐसी गली है जिससे एक-एक गोपी ही निकल सकती है और उस समय उनसे श्याम सुंदर दान लेते हैं. सांकरी खोर पर सामूहिक दान होता है. श्याम सुन्दर के साथ ग्वाल बाल भी आते हैं. कभी तो वे दही लूटते हैं, कभी वे दही मांगते हैं, और कभी वे दही के लिए प्रार्थना करते हैं.
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आगे सांकरी खोर प्रार्थना मंत्र भी लिखा है, दधि भाजन शीष्रा स्ताः गोपिकाः कृष्ण रुन्धिताः| तासां गमागम स्थानौ ताभ्यां नित्यं नमश्चरेत|| इस मंत्र का भाव है कि गोपियां अपने शीश पर दही का मटका लेकर चली आ रही हैं और श्री कृष्ण ने उनको रोक रखा है. उस स्थान को नित्य प्रणाम करना चाहिए, जहां से गोपियां आ-जा रही हैं. यहां जो ये राधा रानी का पहाड़ है वो गोरा है. सामने वाला पहाड़ श्याम सुंदर का है और वो शिला कुछ काली है. काले के बैठने से पहाड़ काला हो गया और गोरी के बैठने से कुछ गोरा हो गया. पहले राधा रानी की छतरी है फिर श्याम सुंदर की छतरी है और नीचे मन्सुखा की छतरी है.
यहां दान लीला होती है. यहां नंदगांव वाले दही लेने आये थे एकादशी में तो सखियों ने पकड़कर उनकी चोटी बांध दी थी. श्याम सुंदर की चोटी ऊपर बांध देती हैं और मन्सुखा की चोटी नीचे बांध देती हैं. मन्सुखा चिल्लाता है कि हे कन्हैया इन बरसाने की सखियों ने हमारी चोटी बांध दी हैं. जल्दी से आकर के छुड़ा भई, तो श्याम सुंदर बोलते हैं कि अरे मैं कहां से छुड़ाऊं. मेरी भी चोटी बंधी पड़ी है.
सखियां दोनों के साथ-साथ सब की चोटी बांध देती हैं और फिर सखियां कहती हैं कि चोटी ऐसे नहीं खुलेगी. राधा रानी की शरण में जाओ तब तुम्हारी चोटी खुलेगी. सब श्री जी की शरण में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं. तब श्री जी की आज्ञा से सब की चोटी खुलती हैं. श्री जी कहती हैं कि इनकी चोटी खोल दो. श्याम सुंदर प्यारे को इतना कष्ट क्यों दे रही हो? गोपी बोली कि ये चोटी बंधने के ही लायक हैं.
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