लालू यादव के ट्वीट पर सुशील मोदी ने किया पलटवार, कहा- बिहार लालटेन वाली बदहाली से आ चुका है बाहर
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिहार छप्पड़-फूस-लालटेन वाली बदहाली से बाहर आ गया, गांव बिजली से रौशन हैं, लेकिन लालू प्रसाद पुराने मुहावरों में अटके हैं.
पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर बंगराघाट पुल के उद्घाटन को लेकर सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को घेरा था. ऐसे में सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव के ट्वीट का पलटवार किया है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा, " लालू प्रसाद को वे दिन याद आ रहे हैं, जब न स्कूल में पढ़ाई होती थी, न अस्पताल में दवाई मिलती थी. लेकिन उनके आवास पर नाच भी होता था और कुर्ताफाड़़ होली भी होती थी.
सुशील मोदी ने लिखा, " बिहार की सड़कें जर्जर थीं, लेकिन अलकतरा घोटाला करने वाले आलीशान मकान में रहते थे. आज बिहार चरवाहा विद्यालय के दौर से आगे निकल कर युवाओं को आइआइआइटी, निफ्ट, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, नेशनल लॉ युनीवर्सिटी उपलब्ध करा रहा है. महासेतु और फोरलेन सड़कों का संजाल विकसित हो रहा है. गरीब को घर- शौचालय, उज्जवला गैस, किसान को सालाना 6 हजार की सम्मान राशि और लड़कियों को कन्या समृद्धि योजना के लाभ मिल रहे हैं. गांव बिजली से रौशन हैं. बिहार छप्पड़-फूस-लालटेन वाली बदहाली से बाहर आ गया, लेकिन लालू प्रसाद पुराने मुहावरों में अटके हैं.
उन्होंने लिखा, " लालू-राबड़ी की सरकार बिहार के अस्पतालों में रूई-सुई भी नहीं छोड़ कर गई थी, जबकि आज सभी कोविड अस्पतालों में मरीज के बेड तक पाइप से आक्सीजन पहुंचाने का इंतजाम है. सभी मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगेंगे. आरजेडी और कांग्रेस को बिहार पर टिप्पणी करने से पहले महाराष्ट्र और राजस्थान में कोरोना से मरने वालों के भयावह आँकड़े देखने चाहिए."
उन्होंने कहा, " महाराष्ट्र में कोरोना से मरने वालों की संख्या 20 हजार पहुंच रही है और राजस्थान में मृतकों की संख्या बिहार से दोगुना ज्यादा है. महाराष्ट्र सरकार बिहार के मेधावी बेटे सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु का मामला दबाने में लगी है और राजस्थान सरकार अपने अन्तर्कलह को दबाने में."
सुशील मोदी ने लिखा, " वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए बिहार में जितने काम हुए, उतना कई अन्य राज्यों में नहीं हुआ. कोविड जांच कोई सामान्य खून-पेशाब जांच नहीं है. जहां पहले केवल RMRI, AIIMS, जैसे चंद संस्थानों में सीमित संख्या में कोविड जांच होती थी, वहां मात्र तीन महीने में 13 अगस्त 2020 को एक दिन में 1 लाख से ज्यादा सैंपल जांच का रिकार्ड बना.
सुशील मोदी ने बताया, " अब तक 13.77 लाख जांच हो चुकी है. 15.5 लाख ऐंटीजन टेस्ट की खरीद और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराने से लोगों के संक्रमित होने की दर घट कर मात्र 4 फीसद रह गई. राज्य में स्वस्थ होने की दर बढ़ कर 66.1 फीसद तक पहुंची. पीड़ित मानवता की सेवा में एनडीए सरकार का समर्पण लोग महसूस कर रहे हैं."