पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बिहार आने से पहले दिल्ली में एक कांग्रेस नेता पर ऐसा बयान दिया कि अब वह घिरने लगे हैं. दरअसल लालू यादव (Lalu Yadav) ने बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) को लेकर ठेठ भाषा में कहा कि वह भकचोन्हर (स्टूपिड या मूर्ख) हैं. लालू यादव की ओर से इस्तेमाल किए गए इस शब्द को लेकर कांग्रेस के विधायक शकील अहमद ने कहा कि लालू प्रसाद को इस बात का इल्म है कि भक्त चरण दास की हैसियत क्या है. क्योंकि भक्त चरण दास आज के नेता नहीं काला हांडी के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रहे हैं.


शकील अहमद ने कहा कि भक्त चरण दास 1990 के दशक में कैबिनेट मंत्री रहे हैं, कई बार एमएलए और एमपी भी रह चुके हैं. इससे बड़ी बात ये है कि कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रभारी की हैसियत से वो कोई भी निर्णय शीर्ष नेतृत्व के विरुद्ध नहीं लेते हैं. ऐसे आदमी के खिलाफ इस तरह के अपशब्द का इस्तेमाल ये लालू के दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि कई बार उन्होंने ऐसा परिचय दिया है. खुद के लिए जब कुछ करना होता है तो उनका स्टाइल अलग होता है, लेकिन जब उनका हमला तेज होता है तो किसी के भी खिलाफ कोई शब्द इस्तेमाल कर लेते हैं.


कांग्रेस पार्टी का इतिहास, देश का इतिहास


कांग्रेस विधायक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास देश का इतिहास है. लालू यादव अकेले चुनाव लड़ कर देख चुके हैं, 22 सीट पर सिमट गए थे और अभी पिछले लोकसभा चुनाव में 31 सीट दिया था कांग्रेस ने फिर भी इतने बड़े जनाधार के होते हुए एक भी एमपी नहीं बने उनके और कांग्रेस की बात करें तो नौ सीट मिली थी और एक सीट हमने जीती. इसलिए स्ट्राइक रेट की बात तो वो ना करें ना ही पार्टी को धत्ता बताने की बात करें. गठबंधन को कमजोर करने की शुरुआत उन्होंने की है. इसलिए उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल भक्त चरण दास के खिलाफ, दलित नेता के खिलाफ ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. उन्हें ये बयान नहीं देना चाहिए था ये मेरी सलाह है.


बीजेपी के नेता निखिल आनंद ने भी बोला हमला


बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा, “आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी आज अगर राजनीति के रसातल में, गर्त में हैं तो कांग्रेस के कारण और कांग्रेसियों की कृपा से हैं. यह सच है कि कांग्रेस के ही इशारे पर पहली बार सीबीआई जांच बैठी, कांग्रेस के ही कहने पर पहली बार चार्जशीट हुआ और कांग्रेस के शासनकाल में ही पहली बार लालू जी को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया गया. सबसे दिलचस्प बात कि लालू जी को राजनीतिक जीवन में चारा घोटाले में फंसने के बाद अगर किसी भी सदन में पहुंचने की थोड़ी बहुत भी उम्मीद बची थी तो रही-सही कसर राहुल गांधी ने सदन में बिल फाड़ कर पूरा कर दिया. बहुत दिनों से कांग्रेस की साजिश का दर्द झेल रहे लालू जी को पहली बार अपनी कुंठा अभिव्यक्ति का मौका मिला है.”


निखिल आनंद ने आगे कहा कि अब आरजेडी के लोग राजनीति की दुकान चलाने के लिए भले कहते हैं कि लालू यादव की स्थिति के लिए बीजेपी दोषी है लेकिन हकीकत तो यही है कि लालू को राजनीति में इस स्थिति तक पहुंचाने का पूरा श्रेय कांग्रेस को जाता है और यह बात लालू जी भी भली भांति जानते हैं. उन्होंने भक्त चरण दास जैसे कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेता को अपशब्द कहकर अपमानित किया है. अब तो कम से कम कांग्रेस को सचेत हो जाना चाहिए.


लाल प्रसाद 100 प्रतिशत दलित विरोधीः अशोक चौधरी


लालू के बयान को लेकर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि उन्होंने दलित विरोधी बयान दिया है. इनके 15 साल के शासनकाल में भी किस तरह से दलितों का नरसंहार हुआ ये सभी जानते हैं और किस तरह से इन्होंने पूरे प्रदेश में सामाजिक विद्वेष फैलाया और शासन करने का काम किया. लालू प्रसाद सौ प्रतिशत दलित विरोधी हैं और इसलिए किसी के भी प्रति, राष्ट्रपति के कार्यक्रम का बहिष्कार करना ये इस बात को प्रमाणित करता है कि राष्ट्रपति दलित परिवार से थे इसलिए उनका बहिष्कार किया गया. अब इस तरह की बात तो कोई दूसरे किसी राजनीतिक दल के लिए भी नहीं कहा जा सकता है. अशोक चौधरी ने कहा कि इस तरह की भाषा का प्रयोग कांग्रेस के प्रभारी के लिए लालू यादव ने किया जो हम कभी नहीं कर सकते.


जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने ऐसा बयान दिया है कि टीवी पर भी नहीं चलाया जा सकता है. यह शर्मसार करने वाली घटना है. ये कांग्रेस को सोचना है कि वे ऐसी पार्टी का पिछलग्गू बनकर चल रही है जो उसके प्रभारी के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं.



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