पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हर हफ्ते सोमवार को जनता दरबार (Janta Darbar) लगाते हैं और प्रदेश के कोने-कोने से आए फरियादियों की फरियाद सुनते हैं और उससे संबंधित अधिकारियों को उसका त्वरित समाधान करने का निर्देश देते हैं. इसी क्रम में आज भी सीएम नीतीश ने जनता दरबार लगाई, जिसमें उन्होंने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े मामले के अलावा और भी कई मामलों का निपटारा किया. वहीं, अधिकारियों को सभी फरियादियों की समस्याओं का निपटारा करने का निर्देश दिया.
सबसे अधिक भूमि विवाद के मामले
जनता दरबार में आए लोगों की लिस्ट में सबसे अधिक नाम उन लोगों का नाम है, जो सालों जमीन विवाद में उलझे हुए हैं. किसी के जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है, तो किसी के जमीन पर किसी और कारणों से विवाद की स्थिति बनी हुई है. औरंगाबाद से आए एक रिटायर प्रोफेसर ने स्थानीय दबंग के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार से शिकायत की और कहा कि उनकी ओर से रास्ता बाधित कर दिया गया है. उनकी निजी जमीन पर भी उनके गुर्गों ने कब्जा कर लिया है और वे अपने आप को एक पार्टी का नेता भी बताते हैं. जनता दरबार में ऐसे ही कई मामले आए, जो जमीन विवाद से जुड़े थे. इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को गंभीरता से कार्रवाई के निर्देश दिए.
दहेज प्रताड़ना के भी कई मामले
भूमि विवाद के साथ ही दहेज प्रताड़ना के भी कई मामले आए. भागलपुर से आई महिला ने पति समेत ससुराल वालों पर दहेज नहीं देने पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. नालंदा से आए बुजुर्ग ने भी अपनी बेटी के ससुराल वालों पर बेटी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सीएम नीतीश कुमार से उननी बेटी की जान बचाने की गुहार लगाई.
कानून का गलत फायदा उठाने का मामला
जनता दरबार में कई लोग एससी/एसटी कानून के तहत झूठे केस में फंसाने के मामले को लेकर भी सीएम नीतीश के पास आए. बुजुर्ग ने एससी/एसटी कानून के तहत उनके बेटे को झूठे केस में फंसने से बचाने को लेकर मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाई.
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