पटनाः भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने राजधानी पटना समेत प्रदेश के 18 जिलों में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त की तैयारी शुरू कर दी गई है. यह 20 उन जिलों के अतिरिक्त है जहां प्रथम चरण में भूमि सर्वेक्षण चल रहा है. हर जिले को चार लाख की राशि दी गई है. मुख्यालय के दो अधिकारियों को मॉनिटरिंग लगाया गया है. एक-एक अधिकारी को 9-9 जिले दिए गए हैं. सर्वे निदेशालय ने बंदोबस्त कार्यालयों को कार्यकारी बनाने के साथ आवश्यक उपस्कर और सामग्री खरीदने को कहा है.
बिहार के ये 18 जिले हैं शामिल
सर्वे के पहले चरण में 20 जिलों में कार्य शुरू किया गया था. बिहार के जिन 18 जिलों में बंदोबस्त का काम होना है उनमें पटना, गया, भागलपुर, भोजपुर, कैमूर, गोपालगंज, दरभंगा, बक्सर, मुजफ्फरपुर, सारण, सिवान, औरंगाबाद, वैशाली, रोहतास, पूर्वी चंपारण, नवादा, मधुबनी और समस्तीपुर शामिल हैं.
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व्यापक प्रचार प्रसार का निर्देश
बताया जाता है कि दूसरे चरण के जिन 18 जिलों में सर्वे शुरू किया जा रहा है उनके 100 अंचलों में प्रथम चरण में सर्वेक्षण का काम होगा. इनमें से 50 अंचल उत्तर बिहार के हैं जबकि 50 अंचल दक्षिण बिहार के हैं. जिन क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया जाना है, वहां विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य के लिए प्रचार प्रसार भी करना है. इसके लिए होर्डिंग, बैनर और पोस्टर लगाने का निर्देश दिया गया है.
हवाई सर्वे का काम पूरा किया गया
गौरतलब है कि सर्वे शुरू करने के पहले विभाग की ओर से जमीन की हवाई सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. इस आधार पर जमीन का नक्शा बनाया गया, जिसे राज्य मुख्यालय ने जिला मुख्यालय को सौंप दिया है. नक्शा मिलते ही सर्वे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है.
बता दें कि सभी प्रकार की जमीनों का सर्वे होने के बाद भूमि विवाद को निपटाने में मदद मिलेगी. साथ ही कौन सी जमीन किस प्रकार की है, ये जानने में भी सहूलियत होगी. इससे लोगों की जमीन के दस्तावेज तो पक्के होंगे ही, साथ ही जमीन विवाद को लेकर जो आपराधिक घटनाएं सामने आती हैं उनमें भी कमी आएगी.
सभी मामलों का होगा निपटारा
हर एक अंचल में सार्वजनिक स्थानों पर कैंप लगाकर सर्वे शुरू किया गया है. कैंप में उन लोगों से उनके जमीन के कागजात मांगे जाएंगे, जो जमीन पर मालिकाना हक का दावा करेंगे. इसके बाद कागजों की जांच कर जमीन उनके नाम पर चढ़ा दिया जाएगा. इस काम को करने के लिए कैंप में स्पेशल कानूनगो और अमीन की तैनाती की गई है. सर्वे के दौरान आम लोगों से सरकारी सार्वजनिक जमीन के संबंध में भी जानकारी ली जाएगी. साथ ही सभी प्रकार के जमीनों की सर्वे होगी. ऐसे में ये स्पष्ट है कि जमीन से जुड़े सभी मामलों का निपटारा सर्वे के दौरान किया जाएगा.
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