Bihar News: बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र चल रहा है. गुरुवार (28 नवंबर) को सत्र के चौथे दिन सदन में जमीन के दाखिल-खारिज को लेकर मामला उठा. एआईएमआईएम (AIMIM) के विधायक अख्तरुल ईमान (Akhtarul Iman) ने कहा कि आज भूमि विवाद (Land Dispute) से पूरे बिहार में जंग हो रही है. एक-एक म्यूटेशन में 15 से 20 हजार रुपये लिए जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि दाखिल-खारिज के और परिमार्जन के मामले में काफी लेट हो रहा है. कितने पदाधिकारी पर ये (विभाग) कार्रवाई कराए हैं अब तक, इस मामले को कैसे और बेहतर कर सकते हैं. ये बताएं.


इतना ही नहीं अख्तरुल ईमान ने यह भी कहा कि रजिस्टर-2 से लोगों की जमीन गायब हो गई है. नतीजा यह है कि 35 कार्य दिवस में अगर किसी का केवाला दाखिल-खारिज नहीं होता है तो रैयत को डीसीएलआर के पास जाना पड़ता है. पैसा देना पड़ता है. यह सब सुनकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल भड़क गए. उन्होंने अख्तरुल ईमान को जवाब दिया.


लोकसभा चुनाव के कारण कुछ मामलों में हुई देरी


कुछ मामलों में लेटलतीफी को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा, "बीच में लोकसभा का चुनाव था. हमारे अंचलाधिकारी और डीसीएलआर लोकसभा चुनाव में जितने भी नेता का कार्यक्रम होता है सभा होती है सब में सीओ का ही उपयोग होता है. सीओ का जो कार्य है राजस्व से ज्यादा प्रशासन में होता है. लोकसभा चुनाव होने के चलते चार महीने में इतने मामले लंबित पड़े हैं, लेकिन अब हमने इसको बहुत तेजी में करने के लिए सभी डीसीएलआर को और डीएम-कमिश्नर को पत्र निर्गत किया है. कहा है कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी मामला पेंडिंग है तो जल्द निपटारा कराएं." 


दिलीप जायसवाल ने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा, "कितने लोगों पर कार्रवाई की गई तो मैं राजस्व मंत्री उसी के लिए जाना जाता हूं. कार्रवाई करने में मैं पीछे नहीं रहता हूं. 180 पदाधिकारी के खिलाफ मैंने कार्रवाई की. 139 सीओ का वेतन रोक दिया है. सुधरो या सुधारेंगे. अब मुंह मत मेरा खुलवाइए कि विभाग को किसने गड़बड़ाया. मैं मुंह नहीं खोलना चाहता हूं. एकदम आश्वस्त रहें कि एक-एक पदाधिकारी अपना काम करेंगे. मेरी सूची लंबी है कि कितने लोगों को हम ट्रैप किया, कितने लोगों को गिरफ्तार किया, कितने लोगों पर कार्रवाई की और वेतन रोका."


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