पटना: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने बिहार गिरती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर करारा हमला बोला. इसके साथ ही राज्य में बढ़ते अपराध की भी निंदा की. उन्होंने कोर्ट में चुनाव को लेकर रिव्यू पिटीशन वापस लेने वाली बात पर भी नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)  पर गुरुवार को बड़ा आरोप लगाया. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार कई घोटालों में लिप्त रहती है, लेकिन पहली बार बिहार में वकील घोटाला (Corruption) हो रहा. हमने कई बार नीतीश कुमार को आयोग बनाने के लिए कहा. उन्होंने 15 रिव्यू पिटीशन दायर किए. इसके लिए उन्होंने 35 लाख रुपये प्रति सुनवाई लेने वाले वकीलों को दिल्ली से बुलवाया. इसके साथ ही उन्होंने बिहार में अपराधी को लेकर बिहार सरकार को जमकर घेरा है.


संजय जायसवाल का नीतीश कुमार का बड़ा आरोप


अब नीतीश कुमार से सवाल खड़े करते हुए जायसवाल ने पूछा कि जब सरकार को अपना पिटीशन वापस ही लेना था. कोई बहस ही नहीं करनी थी तो इतनी बड़ी रकम वकीलों को क्यों दिए गए? उन्होंने पूछा कि क्या बिहार के एजी भी ‘रबड़ स्टांप सीएम’ की तरह ‘रबड़ स्टांप एजी’ हो गए हैं जिनका काम बहस की बजाए दिल्ली से वकीलों को लाना भर रह गया है?


चीफ जस्टिस की डीजीपी को कोई जानकारी नहीं


उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस का हाल यह है कि एक फ्रॉड अपने आप को चीफ जस्टिस बताते हुए डीजीपी से गलत काम करवा लेता है. उन्हें पता तक नहीं चलता. यहां के डीजीपी को शायद यह भी नहीं पता है कि किसी राज्य का चीफ जस्टिस जो दूसरे राज्य का होता है अपनी नियुक्ति वाले राज्य में कभी भी कोई पैरवी नहीं करता है. अगर सूबे के डीजीपी का यह हाल है तो बाकी पुलिस फ़ोर्स का क्या हाल होगा? इससे पता चलता है कि बिहार की जनता आज पूरी तरह भगवान भरोसे हैं.


डीजीपी पर दबाव बनाकर कुछ भी करा सकते इसकी जांच कराएं


संजय जायसवाल ने कहा कि डीजीपी प्रकरण में फ़िलहाल एक अनियमितता का खुलासा हुआ है, लेकिन इससे पता चलता है कि दबाव के जरिए उनसे कुछ भी कराया जा सकता है. उन्होंने इस तरह के और क्या-क्या कारनामे किए हैं, यह जांच से ही पता चल सकता है. हमारी मांग है कि सरकार निष्पक्ष तरीके से उनकी जांच कराए.     


फेल है शराबबंदी कानून


हाई कोर्ट द्वारा राज्य में शराबबंदी कानून को फेल बताए जाने का जिक्र करते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि आरजेडी सरकार को ‘जंगलराज’ बताने के बाद यह पहली बार है जब हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर ऐसी तीखी टिप्पणी की हो. हमने सरकार में रहते हुए पहले भी कई बार शराब माफियाओं और नशे के सौदागरों के बढ़ते वर्चस्व को लेकर सरकार को आगाह किया था, लेकिन नीतीश कुमार की शह पर उनके बयानवीर नेता उल्टे हमें ही सीख देने लगते थे. यह नीतीश कुमार के उसी अहंकार का परिणाम है कि आज हाईकोर्ट खुद उन्हें शराबबंदी कानून के पालन में बुरी तरह फ़ेल बता रहा है. किसी सरकार के लिए इससे शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता. 


बिहार की बदहाल कानून व्यवस्था


उन्होंने कहा कि यह बिहार की बदहाल कानून व्यवस्था और बढ़ते नशे के जाल का ही परिणाम है कि ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा जब दिनदहाड़े हत्या, लूट या रंगदारी मांगने का मामला सामने न आ रहे. पटना के पॉश इलाके बोरिंग रोड में जिस तरह से फ़िल्मी स्टाइल में गोलियों की बौछार करते हुए हरनौत के पूर्व मुखिया की हत्या हुई. वह दिखाता है कि आज बिहार में अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है. इसके अलावा घटना के तकरीबन पौन घंटे तक पुलिस का वारदात की जगह पर न पहुंचना पुलिस प्रशासन की सुस्ती और ठगबंधन राज में उनके घटे मनोबल को दर्शाता है. 


किससे डर रहे हैं नीतीश कुमार


संजय जायसवाल ने आगे सवाल पूछते हुए कहा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि आखिर सूबे में कानून व्यवस्था को मजबूत करने से उन्हें कौन रोक रहा है? वह बताएं कि आखिर किसके डर से उन्होंने बिहार में माफियाओं को खुली छूट दे दी है? नीतीश जी को बताना चाहिए कि सख्त कदम नहीं उठाने के लिए उन पर कौन दबाव बना रहा है? इस तरह से उन्होंने कई ताबड़तोड़ हमले किए हैं. इस मौके पर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन, प्रवक्ता विवेकानंद पासवान व मीडिया प्रभारी राकेश सिंह तथा अशोक भट्ट मौजूद रहे.


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