पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने बुधवार को राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के कार्यान्वयन की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. आगे उन्होंने कहा कि राज्य में लोकधन की लूट को रोकने के लिए इस योजना की जांच जरूरी है. सरकार द्वारा 2022 में 1.48 करोड ग्रामीण उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपलब्ध कराने हेतु 15074 करोड रुपये की योजना की स्वीकृति दी गई जो विभिन्न कार्यकारी एजेंसियों के लिए लूट का बड़ा स्रोत बन गया है. राज्य में अभी तक 21 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. इन उपभोक्ताओं के द्वारा हजारों शिकायत की गई है.
उपभोक्ताओं से जबरन लूट का माध्यम बना लिया है-विजय कुमार सिन्हा
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शिकायतों में अधिक बिजली बिल, प्रतिदिन फिक्स्ड विद्युत चार्ज, बल्ब नहीं जलाने पर भी बिल, विद्युत लोड में अनियमितता इसके अलावे अन्य समस्याएं शामिल हैं, जिसका निष्पादन नहीं किया जाता है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर मामला की शिकायत माननीय न्यायालय में भी की गई है. सरकार ने इस योजना को उपभोक्ताओं से जबरन लूट का माध्यम बना लिया है. इस योजना में खामियां और उपभोक्ताओं की शिकायत की अनदेखी की जा रही है. कमायी का नया जरिया बन गया है.
बिजली के मुद्दे पर बीजेपी ने सीएम नीतीश को सुनाया
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिजली की चोरी, वितरण में हानि, संचरण में अनियमितता को दूर करने हेतु सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. इन माध्यमों से जो विद्युत हानि और अपव्यय होता है उसका सीधा भार स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं पर पड़ता है. सरकार को स्मार्ट प्रीपेड योजना हेतु चयनित कार्यकारी एजेंसियों के गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए. यदि इन पर लगाम नहीं लगाया गया तो एक बड़ा घोटाला के रूप में यह योजना राज्य को शर्मशार कर देगा.
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