सारण: जिले के मशरक में जहरीली शराब से लगभग 40 लोगों की मौत (Saran Hooch Tragedy) हुई है. इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है, तो सत्ता पक्ष हमले का जवाब दे रहा है. इसको लेकर अभी विपक्ष और सत्ता पक्ष में आरोप- प्रत्यारोप जारी है. वहीं, इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सहयोगी दल के विधायकों ने कोई शराबबंदी के पक्ष में बात रखी तो कई शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की बात कही.
यह किसी की आजादी छिनने का काम है- सत्येंद्र यादव
छपरा के मांझी से माकपा विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि अगर कोई सरकार बेतुका कानून बनाती है, तो जनता उसे मान ले यह संभव नहीं है, यह किसी की आजादी छीनने का काम है, जो शराब नहीं पीते हैं मैं भी नहीं पीता हूं, लेकिन कोई भी सरकार जनता के हित के लिए कानून लाता है, उनकी आजादी छीनने के लिए नहीं. सरकार कोई कानून लगा कर जनता के खाने-पीने की स्वतंत्रता पर अगर प्रतिबंध लगाती है, तो वह सरकार की तानाशाही रवैया को दिखाता है. इसलिए सरकार को शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की जरूरत है.
नीतीश कुमार ने किया है अच्छा काम- ज्योति देवी
'हम' पार्टी के बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी ने कहा कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी करके बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन गरीबों के हित के बारे में सोचना जरूरी है. चोरी-छिपे तो लोग शराब पी लेते हैं. बिहार में पूर्ण शराबबंदी सफल है. खुले -आम लोग शराब पीने से डरते हैं. इसके लिए हर लोगों को आगे आना पड़ेगा, चाहे विधायक हो या आम लोग ऐसे शराबबंदी सफल नहीं होगी.
इस तरह शराबबंदी होगा सफल- मनोज मंजिल
वहीं, भोजपुर जिले के अगिआंव भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि मशरख में जो मौतें हुई हैं, उस पर जांच होने की आवश्यकता है. आखिर जहरीली शराब कैसे बन रही थी, लेकिन शराब बनाने वाले गरीब तबके के लोग ही रहते हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. शराब बनाने वाले छोटे लोग हैं. उनकी जमीन जायदाद नहीं है. शराब बनाकर अपना भरण-पोषण करते हैं, इसलिए उन्हें एक अच्छा रोजगार की व्यवस्था कर दें तो शराबबंदी पर लगाम लगाया जा सकता है.