पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) शनिवार की रात देश की राजधानी दिल्ली में पत्रकारों से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के नए फरमान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को जमकर घेरा. तेजस्वी ने कहा, " नीतीश सरकार शिक्षकों को और क्या-क्या जिम्मेदारी देगी, उन्हें और कितने काम मिलेंगे ये तो देखने वाली बात है. लेकिन उनका असली काम क्या है?"
तेजस्वी ने इस अंदाज में कसा तंज
तेजस्वी ने कहा, " शिक्षक जब शराबबंदी को सफल कराने में लग जाएंगे तब तो वे शिक्षक रहेंगे ही नहीं. फिर पुलिस क्या करेगी, शिक्षा देगी क्या? पुलिस तो ऐसे ही क्रिमनल नहीं पकड़ पा रही है. ऐसे में जब शिक्षक पुलिस बनेंगे, तब पुलिस जो है वो चोर होंगे. क्योंकि असल में शराब की तस्करी थाने के ही मदद से हो रही है."
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, " तो अब क्या बिहार में शिक्षक पुलिस को पकड़ेंगे. ये समझने वाली बात है. बिहार में क्वालिटी ऑफ एजुकेशन बद से बदतर हो गया है. किसी भी सरकार की पहली प्राथमिकता अगर कुछ होनी चाहिए तो वो ये कि वे आने वाला भविष्य सुधारें. शिक्षक को उनका काम करने देना चाहिए. लाखों पद शिक्षकों के खाली पड़े हैं. क्वालिटी एजुकेशन बच्चों को मिलता नहीं है. जो अच्छे शिक्षक हैं, उन्हें बोझ इतना दे दिया जाता है कि वो बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं. सरकार को तो ये सोचना चाहिए कि शिक्षकों का काम केवल बच्चों को शिक्षित करने का है और उनसे वही कराना चाहिए."
शिक्षा विभाग का नया आदेश
गौरतलब है कि बिहार में लागू शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर सरकार एक के बाद एक फैसले ले रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने ये आदेश जारी किया कि अब सरकारी स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ मद्य निषेध विभाग को शराब माफियाओं और शराबियों के संबंध में सूचना भी देंगे. हालांकि, विभागीय फैसले से शिक्षक काफी गुस्से में हैं. ऐसे में शनिवार को उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है और विभाग से आदेश वापस लेने की मांग की है.
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