पटना: जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की मौजूदगी में गुरुवार को एलजेपी के कुछ प्रमुख नेताओं समेत कुल 208 एलजेपी नेताओं ने जेडीयू का दामन थाम लिया. एक साथ पार्टी के इतने नेताओं के चले जामे से एलजेपी काफी गुस्से में है और जेडीयू को जमकर कोस रही है. 208 पार्टी नेताओं के जेडीयू में जाने के बाद एलजेपी ने कहा कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट मुहिम के गद्दार जेडीयू को मुबारक हो.
समुद्र मंथन के दौर में है एलजेपी
एलजेपी ने कहा कि पार्टी मौजूदा समय में समुंद्र मंथन के दौर में है. एलजेपी ने सत्ता को लात मारकर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की बात की है. ऐसे में तथाकथित एलजेपी नेता पार्टी से निकाले जाने के बाद अब जेडीयू की गोद में चले गए हैं. बीते बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया और यह सभी कमजोर और गद्दार नेता भाग खड़े हुए.
जनता ने जेडीयू को सिखाया सबक
एलजेपी ने कहा कि इन गद्दार नेताओं ने लोक जनशक्ति पार्टी और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट से गद्दारी कर बीते चुनाव में जेडीयू के प्रत्याशीयों का साथ दिया, लेकिन जनता ने जेडीयू को सबक सिखाया, जिसके बाद पार्टी ने इन गद्दार नेताओं को लोक जनशक्ति पार्टी से निकाल दिया. इन गद्दारों के जेडीयू में जाने से अब यह तय हो गया है कि अब जेडीयू जल्द खत्म होगी क्योंकि यह लोग जहां भी जाते है, वहां गद्दारी करते हैं.
चिराग के मजबूत कंधों पर एलजेपी की जिम्मेदारी
पार्टी की ओर से कहा गया कि इन गद्दारों ने ना सिर्फ एलजेपी के साथ गद्दारी की है बल्कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की मुहिम को भी धोखा दिया है. एलजेपी की कमान चिराग पासवान के मजबूत कंधो पर है. बिहार और बिहारी को फर्स्ट बनाने के लिए सत्ता को लात मारने वाले शेर का नाम चिराग पासवान है. 24 लाख मतदाताओं ने उनके विजन को अपनाया है. बिहार के गद्दारों को बिहारी माफ नहीं करेंगे आगे सबक सिखाएंगे.
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