पटना: लाख कोशिशों के बाद भी लगता है आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए बिखर जाएगा. इस सम्बंध में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. लोक जनशक्ति पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे बड़ी सात निश्चय योजना पर ही हमला बोल दिया है. बात इस कदर बिगड़ी है कि लोक जनशक्ति पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 7 निश्चय को भ्रष्टाचार का पिटारा करार दे दिया है.


क्या है लोजपा का आधिकारिक बयान?


जहां एक ओर एनडीए के ताल-मेल को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी था. इसी बीच लोक जनशक्ति पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर दिया है. पार्टी ने कहा है कि वह नीतीश कुमार के 7 निश्चय को नहीं मानती. 7 निश्चय के सारे काम आधे अधूरे हैं. जिन लोगों ने भी इस 7 निश्चय का काम किया है, आज तक उनके पैसों का भुगतान तक नहीं हुआ है.


बयान में कहा गया है कि इस योजना की हकीकत बिहार के गांवो में देखी जा सकती है. इनकी योजनाओं से लोक जन शक्ति पार्टी ना तो सहमत है और ना ही आगे रहेगी. यानि लोजपा अब खुलकर जदयू पर हमलावर हो रही है.


लोक जनशक्ति पार्टी का कहना है कि वह चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के एजेंडे पर कायम है. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इस एजेंडे को लागू कराया जायेगा. बिहार में जो भी सरकार बनेगी वह लोजपा के समर्थन से ही बनेगी और उस सरकार के एजेंडे में बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का एजेंडा शामिल होगा.


लोजपा के हमले से तिलमिलाई जदयू


लोजपा के इस हमले पर जदयू तिलमिला गई और लोजपा के विश्वसनियता पर सवाल उठा दिया. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने लोजपा के बयानों का खंडन करते हुए कहा कि बिहार की जनता की विश्वसनीयता उनके लिए मायने रखती है. उनके बयान का क्या जो दल बदलने की कोशिश में जुटे हैं. बता दें कि 4 सितंबर की शाम को लोजपा ने एक अहम बैठक बुलाई है और कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद इस सस्पेंस से पर्दा उठ जाए और एनडीए की तस्वीर साफ हो जाए.