LJP ने तेजस्वी यादव के सुर से मिलाया सुर, नीतीश सरकार के नए आदेश को लेकर दिया ये बयान
तेजस्वी यादव और एलजेपी की ट्वीट को देखा जाए तो दोनों की भाषा और उदाहरण में दिए गए नाम एक हैं. कमोबेश दोनों एक ही तरह की बात कर रहे हैं. वहीं, एक जैसे तरीके से ही दोनों नीतीश सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
पटना: क्या चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने अब तेजस्वी यादव के सुर से सुर मिलना शुरू कर दिया है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि नीतीश सरकार के नए आदेश को लेकर दोनों ने एक ही अंदाज़ में ट्वीट कर सीएम नीतीश को घेरने की कोशिश की है. अब इन दोनों के एक जैसे ट्वीट ने सूबे की सियासत में एक नए समीकरण को उबाल देना शुरू कर दिया है.
बता दें कि बिहार सरकार के गृह विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम या मार्च के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. सरकार के इसी फैसले पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर निशाना साधा है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर साधा निशाना
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीट में कहा, " मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितना डर रहे है?"
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021
एलजेपी ने ट्वीट कर कही ये बात
वहीं, इस मामले पर चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने भी ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला बोला. पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि महात्मा गांधी और जेपी के विचारों का गला घोंट कर हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के विचारों से प्रेरित बिहार प्रदेश प्रशासन ने बेहद कायरना फरमान जारी किया है. अब कोई भी पीड़ित अपनी आवाज आदरणीय नीतीश कुमार जी के ख़िलाफ नहीं उठा पाएगा. लोजपा ऐसे किसी भी बेतुके फरमान के खिलाफ है.
महात्मा गांधी और जे॰पी के विचारों का गला घोट कर हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के विचारों से प्रेरित बिहार प्रदेश प्रशासन ने बेहद कायरना फरमान जारी किया है। अब कोई भी पीड़ित अपनी आवाज आदरणीय @NitishKumar जी के ख़िलाफ नहीं उठा पाएगा। लोजपा ऐसे किसी भी बेतुके फ़रमान के ख़िलाफ है। pic.twitter.com/9Rx5oiRvaN
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) February 3, 2021
क्या एलजेपी की लाइन ले रहे हैं चिराज?
इन दोनों ट्वीट को देखा जाए तो दोनों की भाषा और उदाहरण में दिए गए नाम एक हैं. कमोबेश दोनों एक ही तरह की बात कर रहे हैं. वहीं, एक जैसे तरीके से ही दोनों नीतीश सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या चिराग पासवान अब तेजस्वी यादव की लाइन ले रहे हैं? क्योंकि मुख्य तौर पर आरजेडी प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी है और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के खिलाफ सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरे थे.
हालांकि, इससे जेडीयू को नुकसान तो हुआ लेकिन एलजेपी को कोई फायदा नहीं मिला था. बता दें कि जेडीयू के खिलाफ 119 सीट पर चुनाव लड़ने के बावजूद एलजेपी को महज एक सीट पर जीत मिली थी.