लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार 17 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, उनकी गलत नीतियों की वजह से बिहार विकसित राज्य नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है. राज्य में बेरोजगारी है. लोग दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. दूसरे राज्यों में बिहारियों को अपमानित होना पड़ता है. यह सब नीतीश कुमार की देन है. एलजेपी नेता ने कहा कि जब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटेंगे तब तक बिहार विकसित राज्य नहीं बन पाएगा.
उपचुनाव में किया बीजेपी का समर्थन
एबीपी से खास बातचीत में चिराग पासवान ने कहा कि मोकामा और गोपालगंज में विधानसभा उपचुनाव है. दोनों जगह वो बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो इन दोनों सीटों पर बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर इन दोनों उप चुनाव में नीतीश कुमार का गठबंधन जीतेगा तो नीतीश और मजबूत होंगे होते वे बिहार को और बिगाड़ने का काम करेंगे. चिराग पासवान ने कहा कि वो बिहार को बचाने और नीतीश कुमार को हटाने के लिए बीजेपी के साथ आए हैं.
केंद्र सरकार में मंत्री बनने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा, ''मुझे नहीं पता. मैं अपना व्यक्तिगत हित कभी नहीं देखता हूं.'' अपनी पार्टी में हुई टूट और बीजेपी की बेरुखी और फिर बीजेपी से गठबंधन के सवाल पर चिराग ने कहा कि तब हालात अलग थे अब हालात अलग हैं. बिहार की जनता के हित के लिए बिहार विकसित राज्य बने इसलिए मैं BJP के साथ आया हूं. नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और अपने चाचा पशुपति पारस के एनडीए में भविष्य के सवाल पर चिराग ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि दोनों उपचुनाव हो जाने दीजिए उसके बाद एनडीए का क्या स्वरूप होगा वह सबके सामने आएगा.
मोकामा और गोपालगंज में करेंगे बीजेपी का प्रचार
मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में चिराग पासवान एनडीए के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. वो सोमवार को मोकामा और मंगलवार को गोपालगंज जाएंगे. दोनों सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है.
चिराग पासवान ने 2020 का बिहार विधानसभा का चुनाव एनडीए से अलग होकर लड़ा था. उन्होंने जदयू के खिलाफ हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इसमें से जदयू करीब 30 सीटें हार गई थी. इस वजह से उसे 43 सीटों पर ही जीत मिली थी. इस चुनाव के बाद लोजपा में टूट भी हुई. चिराग के चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व में लोजपा के चार अन्य सांसदों ने अलग पार्टी बना ली थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने लोजपा का चुनाव चिन्ह बांग्ला फ्रीज कर दिया था. चुनाव आयोग ने चिराग धड़े को लोजपा रामविलास नाम और हेलीकाप्टर चुनाव चिन्ह आवंटित किया था. वहीं आयोग ने पारस गुट को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से मान्यता दी थी. पारस गुट को चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन मिला था.
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