पटना: जेडीयू नेताकेसी त्यागी ने जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेस की थी, जिसमें उन्होंने बैठक के दौरान हुई बातों की चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी को अलग चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए था. एलजेपी अपने एजेंडो के बजाय प्रधानमंत्री के नाम पर चुनाव लड़ रही थी.


अब केसी त्यागी के इस बयान पर एलजेपी ने संज्ञान लिया है. एलजेपी प्रवक्ता और नेता अशरफ अंसारी ने सोमवार को कहा कि यह अच्छी बात है कि जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हार की समीक्षा हुई और एलजेपी के अलग लड़ने से जेडीयू को नुक़सान हुआ और एलजेपी को अलग से नहीं लड़ने देना चाहिए जैसी बात आदरणीय केसी त्यागी जी ने कही.


उन्होंने कहा कि जेडीयू के साथीयों को इस बात का बोध हुआ कि यह अच्छी बात है. चुनाव पूर्व कई नेता जेडीयू के बोलते थे कि एलजेपी साथ में लड़े या अलग इससे कोई फर्क जेडीयू को नहीं पड़ता. खैर यह उनका आंत्रिक मामला है.


अशरफ अंसारी ने कहा कि एलजेपी सिर्फ़ बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के नाम पर चुनाव में गई थी. एलजेपी एक मात्र पार्टी है जो अपने विजन डॉक्यूमेंट के आधार पर चुनाव लड़ी और जनता से वोट मांगा और अकेले लड़ कर 24 लाख वोट पाया, अपना मत प्रतिशत भी बढ़ाया.


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