JDU नेता गुलाम गौस के आपत्तिजनक बयान पर LJP ने किया पलटवार, कहा - अपनी पार्टी के नेताओं की करें चिंता
एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा जेडीयू में बड़बोले नेताओं की लिस्ट लंबी है. उसमें से एक गुलाम गौस सहाब हैं. हम उन्हें बताना चाहेंगे कि गुलाम गौस सहाब हमारी फिक्र छोड़ दीजिए.
पटना: एनडीए घटक दल जेडीयू और एलजेपी के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार सीएम नीतीश को घेर रहे हैं. ऐसा में चिराग के रवैये से नाराज जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने चिराग पर हमला बोलते हुए आपत्तिजनक बयान दिया था. अब उनके इस बयान का एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने पलटवार किया है.
अपने पार्टी के नेताओं की करें चिंता
उन्होंने कहा, " जेडीयू में बड़बोले नेताओं की लिस्ट लंबी है उसमें से एक गुलाम गौस सहाब हैं. हम उन्हें बताना चाहेंगे कि गुलाम गौस सहाब हमारी फिक्र छोड़ दीजिए. आप अपनी पार्टी के नेता की चिंता कीजिये, जिन्हें डेली क्षेत्र के लोग ढेला-पत्थर लेकर दौड़ा रहे हैं. रही कंधों पर चढ़ने की बात तो हम बताना चाहेंगे कि हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान कंधों पर चढ़ कर नहीं आम अवाम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में विश्वास रखते हैं. आपके मुंह से कंधे पर चढ़ने की बात अच्छी नहीं लगती गुलाम गौस साहब."
अपनी औकात में रहें चिराग पासवान
मालूम हो कि एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के रवैये से नाराज गुलाम गौस ने चिराग पासवान के रवैया को राजकुमारों वाला रवैया बताया था. साथ ही कहा था कि यही रवैया रहा तो एलजेपी नेताओं को जनता के पत्थर खाने पड़ेंगे. वैशाली में अल्पसंख्यकों के एक कार्यक्रम में पहुंचे गुलाम गौस ने तो यहां तक कह दिया कि चिराग पासवान बीजेपी के कंधे पर सवार होकर जेडीयू पर हमला कर रहे हैं. गिरेंगे तो कहीं के ना रहेंगे. चिराग पासवान अपने औकात में रहें.
गुलाम गौस ने दी चिराग को नसीहत
जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा था, " राजनीतिक में बहुत सारे राजकुमार आए किसी एक पार्टी में नहीं बहुत सारे पार्टी में जो दूसरे के कंधे पर खड़े होते है. उनको लगता है कि हमारा कद बहुत लंबा है. लेकिन जब अगला कंधा झाड़ देता है तो दांत, नाक, मुंह सब ऊपर वाले का टूट जाता है और औकात समझ में आ जाती है. वैसे लोगों को चाहिए कि जनता के बीच में जाएं धूप, पानी, हवा, गोला पत्थर खाएगा तब ना राजनीति में परिपक्व होगा. अंत में उन्होंने एक शेर कहा, " ना खाई हो जिगर पर चोट जिसने जिंदगानी में, उसे क्या गम ए शीश किसी के दिल टूट जाने में."