पटना: जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) बुधवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. इस दौरान पटना एयरपोर्ट पर चिराग ने 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि शुरू से हमारा स्टैंड क्लियर रहा है कि गठबंधन चुनाव के बाद किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब चुनाव नजदीक आएंगे तब यह तय किया जाएगा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) किस गठबंधन का हिस्सा बनेगी. 


अभी तक चिराग पासवान खुद को एनडीए का हिस्सा बताते रहे हैं. इसके साथ ही वह प्रधानमंत्री मोदी को राम और खुद को उनका हनुमान बताते रहे हैं. ऐसे में उनका ये बयान किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं. दरअसल, चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने उनकी पार्टी एलजेपी पर कब्जा कर एनडीए में शामिल हो गए थे. इसके बाद से चिराग अपने दम पर सियासी जमीन मजबूत करने में लगे हैं. 


पार्टी के संगठन को मजबूत करना है प्राथमिकता


चिराग ने एक बार फिर से दोहराया कि इस वक्त हमारी प्राथमिकता पार्टी के संगठन को मजबूत करने लिए जनता के बीच जाना है. उन्होंने कहा कि इसी प्राथमिकता पर पार्टी का ध्यान केंद्रित है. वहीं, सुरजभान सिंह को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि वह अभी जहां पर हैं वहां की चिंता करें. चिराग ने कहा कि जिनके साथ वह है और जिनके साथ मिलकर उन्होंने परिवार और पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र रचा, उनकी चिंता होनी चाहिए, मेरी चिंता करने के लिए पार्टी और पार्टी के तमाम कार्यकर्ता हैं. हम लोग उस दौर से बहुत आगे निकल चुके हैं.


चाचा को लेकर हुए भावुक


वहीं, चाचा पशुपति पारस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग पासवान ने कहा अफसोस इसी बात का है कि उन्होंने कभी अपना माना ही नहीं. दिक्कत तो इसी बात की थी. पापा के जाने के बाद परिवार के सबसे बड़े वही थे. अगर उन्होंने मुझे अपना माना होता, तो क्या पापा के जाने के बाद वह मेरे साथ ऐसा करते. अगर मैं उनका अपना बेटा होता तो क्या वह मेरे साथ ऐसा करते. चिराग पासवान ने कहा कि आप मेरे पिता के भाई हैं इसको कोई नहीं झुठला सकता.


विपक्षी एकता को पताया असंभव


वहीं, नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर चिराग पासवान ने कहा करे अच्छी बात है. ये प्रयास कई बार पहले कर चुके हैं. चिराग पासवान ने कहा विपक्ष एकजुट हो जाए, यह असंभव है. वैसे भी विपक्षी एकता अपने में बहुत बड़ा भ्रम है. किसी विषय पर विपक्ष एकजुट हो जाएं, ऐसा हुआ नहीं. 2014 और 2019 में भी एकजुट करने का प्रयास किया और अब 2024 में एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. 


ये भी पढ़ेंः बिहार BJP अध्यक्ष सम्राट चौधरी का तंज, कोई नहीं जानता नीतीश सरकार कब मार जाएगी पलटी