Bihar Chhath Puja 2024: MP बनने के बाद शांभवी चौधरी कैसे मना रही हैं छठ पूजा? कहा- मानती हूं खूद को सौभाग्यशाली
Shambhavi Chaodhary News: छठ लोक आस्था का पर्व है, जिसकी तैयारी में हर कोई जुटा है. इस अवसर पर, एलजेपी सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि छठ उनके लिए भावनात्मक तौर पर महत्वपूर्ण है.
Bihar Chhath Puja 2024: बिहार में मंगलवार को ’नहाय-खाय’ के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया. हर तरफ आम से लेकर खास तक इसकी तैयारी में लगे हैं. वहीं, छठ महापर्व को लेकर एलजेपी आर के सांसद शांभवी चौधरी ने बुधवार को कहा कि छठ के प्रति मेरी भावनाएं आज भी वैसी ही हैं, जैसी सांसद बनने से पहले थीं. मेरी मां छठ करती हैं. छठ का महत्व शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. छठ एक भाव है, एक श्रद्धा है. छठ एक कठिन व्रत है. इस पर्व के दौरान मां का सहयोग करती हूं. अपने आप को खूब सौभाग्यशाली मानती हूं. छठ पर्व एक घर में नहीं बल्कि पूरे बिहार में मनाया जाता है. हम सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हैं.
वहीं, प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर एलजेपी आर के सांसद ने कहा कि अगर किसी ने सही मायने में छठ पर्व को सुर और शब्द दिए हैं, तो वह शारदा सिन्हा जी हैं. वे अपने गीतों के माध्यम से हम सबके बीच रहेंगी. उनके बिना यह पर्व अधूरा था और आगे भी अधूरा रहेगा.
छठ को लेकर अशोक चौधरी ने क्या कहा?
बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा, 'हमारा पूरा परिवार पूरी तरह से छठ और भगवान सूर्य के प्रति समर्पित है. इस दिन पूरा परिवार एकत्रित हैं. भगवान सूर्य ही ऐसे देवता हैं जो पूरे पृथ्वी को समान रूप से अपना प्रकाश देते हैं. आदिकाल से ही भगवान सूर्य की अराधना हो रही है.
#WATCH पटना: LJP (रामविलास) सांसद शंभावी चौधरी ने कहा, "छठ के प्रति मेरी भावनाएं आज भी वैसी ही हैं, जैसी सांसद बनने से पहले थीं। मेरी मां छठ मनाती हैं... छठ का महत्व शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। छठ एक भाव है, एक श्रद्धा है... हम सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हैं..."… https://t.co/5XzroTJCJv pic.twitter.com/sH2zeyHq2L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 6, 2024
बिहार में छठ का है खास महत्व
बता दें कि छठ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है. यह त्यौहार सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है और इसे चार दिनों तक कठोर दिनचर्या का पालन करके मनाया जाता है. इस त्यौहार के अनुष्ठानों और परंपराओं में उपवास, उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देना, पवित्र स्नान और पानी में खड़े होकर ध्यान करना शामिल है.
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