(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chirag Paswan: चिराग पासवान की पार्टी LJPR में क्यों उठी टूट की बात? जानिए संकेत और चर्चा के ये बड़े कारण
Chirag Paswan Party: पार्टी में फिलहाल सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है लेकिन टूट होती है तो इसके कई ऐसे कारण हैं जो अभी से दिख रहे हैं. रिपोर्ट से समझिए.
Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास में टूट की खबरों को लेकर बवाल मच गया है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पार्टी से जुड़े कई नेता नाराज हैं. इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने इसका खुलकर खंडन करते हुए कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है. राजू तिवारी ने कहा है कि हमारा दल आगे बढ़ रहा है तो कुछ लोग घबराए हुए हैं. इन सबके बीच सबसे बड़ी बात है कि आखिर चिराग पासवान की पार्टी में टूट की बात क्यों सामने आ रही है? इसकी चर्चा क्यों शुरू हो गई है? रिपोर्ट से इन सारी बातों को समझिए.
अभी बिहार विधानसभा चुनाव में करीब एक साल की देरी है. कुछ विश्वस्त जानकार और अंदरखाने से जो बातें निकलकर आ रही हैं उससे यह पता चल रहा है कि अभी तो नहीं लेकिन आने वाले चार-पांच या छह महीने में नेताओं की नाराजगी दिख सकती है. इन नेताओं की मांग पूरी नहीं हुई तो पार्टी में बड़ी टूट हो सकती है.
पार्टी में होती है टूट तो क्या हो सकते हैं कारण?
पार्टी में फिलहाल सब कुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है लेकिन टूट होती है तो इसके कई ऐसे कारण हैं जो अभी से दिख रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से चिराग पासवान ने टिकट बंटवारे में पार्टी के किसी बड़े नेता की बात नहीं सुनी और ऐसे में यही हाल अगर बिहार विधानसभा के चुनाव में भी रहा तो उन नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ सकती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि पार्टी में कई ऐसे लोग हैं जो 2025 में चुनाव लड़ने के मूड में हैं. लोकसभा चुनाव में भी उन लोगों ने तैयारी की थी लेकिन टिकट नहीं मिला. अब विधानसभा में भी टिकट नहीं मिलता है तो निश्चित तौर पर पार्टी में टूट हो सकती है.
बता दें कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी लोकसभा चुनाव में खगड़िया से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. अब वे गोविंदगंज सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि इस पर खुले तौर पर किसी ने कुछ नहीं कहा है. अभी इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अगर यह सीट एलजेपी रामविलास के खाते में नहीं आती है तो वह निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि राजू तिवारी अभी से ही उस सीट पर तैयारी कर रहे हैं. इस सीट से पहले भी वह विधायक रह चुके हैं.
दूसरी ओर पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान की भी यही स्थिति है. इस बार (2024) वे समस्तीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दे दिया गया था. उस वक्त भी संजय पासवान सहित पार्टी के कई नेताओं में नाराजगी दिखाई थी, लेकिन मामला ठंडा हो गया. अब संजय पासवान जमुई विधानसभा सीट से टिकट लेना चाहते हैं.
...तो कई दिग्गज नेता कर सकते हैं टाटा
राजू तिवारी और संजय पासवान ही नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. इनमें बरहरा सीट, पटना की दीघा विधानसभा सीट भी है. ऐसे में टिकट काटने पर नाराजगी तो दिखेगी और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के वक्त टिकट देने में जो हुआ था अगर वही काम विधानसभा चुनाव में किया गया तो कई दिग्गज नेता पार्टी को टाटा कर सकते हैं.
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