बिहार चुनाव के बाद LJP ने की पहली बड़ी बैठक, अब चिराग पासवान के सामने है ये चुनौती
एलजेपी ने हाल के विधानसभा चुनावों में हार का विश्लेषण करने के लिए सभी महत्वपूर्ण नेताओं को आमंत्रित किया था. चिराग पासवान को बिहार में अपनी पार्टी के नेताओं को एक साथ रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की पहली बड़ी बैठक रविवार को पटना में पार्टी के प्रधान कार्यालय में हुई. बैठक की अध्यक्षता एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने की. पार्टी ने हाल के विधानसभा चुनावों में हार का विश्लेषण करने के लिए सभी महत्वपूर्ण नेताओं को आमंत्रित किया था. इस बीच, कई सदस्य पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो चुके हैं. पूर्व एलजेपी एमएलसी नूतन सिंह हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं.
एलजेपी ने बिहार में 143 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही. इसके अलावा, एकमात्र विधायक राज कुमार सिंह और सांसद चंदन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 15 फरवरी को मुलाकात की थी. हालांकि इन दोनों नेताओं का दावा है कि यह नीतीश के साथ शिष्टाचार मुलाकात थी, क्योंकि वे बिहार में एनडीए की कमान संभाल रहे थे. इन दोनों नेताओं के बयान पार्टी लाइन और नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग पासवान के रुख से अलग हैं.
चिराग ने राम मंदिर के लिए 1.11 लाख रुपये का दान दिया
चिराग पासवान बिहार के सीएम के बेहद आलोचक हैं, जबकि इन दोनों नेताओं की मुलाकात ने इस बात का आभास दिया था कि इनके जेडीयू में शामिल होने की संभावना है. चिराग पासवान को बिहार में अपनी पार्टी के नेताओं को एक साथ रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. एलजेपी बिहार में अब एनडीए का हिस्सा नहीं है, फिर भी चिराग पासवान बीजेपी की विचारधारा की वकालत करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 1.11 लाख रुपये का दान दिया है.
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