Bihar Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सियासी तापमान भी गर्म है. चाय की दुकान हो या पान की गुमटी, क्या गांव क्या शहर हर जगह होली के रंग से ज्यादा चुनावी चर्चाओं का गुलाल उड़ता दिखाई दे रहा है. आज हॉट सीट की इस सीरीज में हम आपको जमुई लोकसभा सीट का सियासी फसाना बताने जा रहे हैं.


बिहार की राजधानी पटना से लगभग 165 किलोमीटर दूर मौजूद जमुई, नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है. लेकिन, ये जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल भी है. कहा जाता है कि 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को दिव्य ज्ञान इसी जमीन पर प्राप्त हुआ था. साल 1983 में जमुई ने बिहार को चंद्रशेखर सिंह के रूप में सीएम भी दिया था. आज के वक्त में जमुई बिहार की हॉट लोकसभा सीटों में शुमार है. सबसे पहले हम आपको इस सीट की सियासी कैफियत से रूबरू करवाते हैं.


1962 में हुआ था जमुई सीट पर पहली बार चुनाव


साल 1952 जब देश में पहला आम चुनाव हुआ. तब जमुई, मुंगेर लोकसभा का हिस्सा हुआ करता था. कांग्रेस नेता बनारसी प्रसाद सिन्हा सांसद चुने गए थे. जमुई लोकसभा सीट पर पहली बार 1962 में आम चुनाव हुआ, जीत कांग्रेस के खाते में गई. पहले सांसद के तौर पर नयन तारा दास चुने गए. 1967 के आम चुनाव में दोबारा सांसद नयन तारा दास ने जीत दर्ज की. 1971 के चुनाव में  इस सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के भोला मांझी ने जीत हासिल की, लेकिन 1973 में जब परिसीमन हुआ तो जमुई लोकसभा सीट का अस्तित्व खत्म हो गया. यानी 1977 से लेकर 2004 तक के आम चुनाव में जमुई लोकसभा अस्तित्व में नहीं थी.


2002 में गठन किए गए परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 2008 में जमुई लोकसभा सीट फिर से अस्तित्व में आई यानी 2009 के आम चुनाव में यहां भी ताल ठोके जाने थे, तब से इस सीट को अनुसूचित जाति के आरक्षित कर दिया गया. 2009 में हुए आम चुनाव में जदयू नेता भूदेव चौधरी ने इस लोकसभा सीट से जीत दर्ज की. चुनाव में जेडीयू के भूदेव चौधरी ने आरजेडी के श्याम रजक को लगभग 30 हजार वोटों से हराया.


चिराग पासवान 2014 में बने सांसद


जमुई लोकसभा की सीट 2014 के आम चुनाव में काफी चर्चा में रही. इसका कारण बिहार के बड़े नेता रहे और एलजेपी के तत्कालीन प्रमुख रामविलास पासवान के बेटे और अभिनेता चिराग पासवान को एनडीए की ओर से इस सीट से मैदान में उतारा गया. एलजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान ने आरजेडी से चुनाव लड़ रहे सुधांशु शेखर भास्कर को लगभग 90 हजार वोटों से हराया. आम चुनाव 2019 में भी ये सीट चिराग पासवान के खाते में ही रही. एनडीए उम्मीदवार चिराग पासवान ने इस चुनाव में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से चुनाव लड़ रहे भूदेव चौधरी को 2 लाख से अधिक वोटों से हराकर अपनी बड़ी जीत दर्ज की.


जमुई लोकसभा MY यानी मुस्लिम-यादव बहुल क्षेत्र है. यहां यादव समाज के करीब 3 लाख 50 हजार वोटर हैं. वहीं 2 लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं. एससी वोट बैंक करीब 2 लाख 50 हजार है और सवर्ण वोट लगभग 2 लाख हैं. सीट पर अन्य पिछड़ी जातियों के वोटर भी लगभग 4 लाख हैं.


कब, कौन जीता?


साल      जीत         सांसद
1962   कांग्रेस   नयन तारा दास
1967   कांग्रेस   नयन तारा दास
1971  सीपीआई  भोला मांझी
2009   जदयू      भूदेव चौधरी
2014  एलजेपी   चिराग पासवान
2019  एलजेपी   चिराग पासवान


किस जाति के कितने वोट?


यादव 3,50,000
मुस्लिम 2,00,000
एससी 2,50,000
सवर्ण 2,00,000
अन्य पिछड़ी जातियां 4,00,000


अब जब 2024 आम चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, तब यह सीट एक बार फिर चर्चा में है. 19 अप्रैल को यहां मतदान होना है. लेकिन, इस बार यहां के मौजूदा सांसद चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में सामने एक बड़ा सवाल है कि क्या जमुई में एनडीए जीत की हैट्रिक लगाएगी या इस सीट पर महागठबंधन का बोलबाला होगा?


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