Lok Sabha Elections 2024: बिहार में महागठबंधन सरकार को ले डूबेगा 'UTS' फैक्टर? मझधार में नीतीश! | Inside Story
Bihar Politics: एक तरफ 2024 में लोकसभा का चुनाव है तो दूसरी ओर बिहार में अगले सीएम फेस को लेकर कई नाम सामने आने लगे हैं. हैरान करने वाली बात है कि सभी चर्चे वाले ये नाम महागठबंधन के नेता हैं.
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Lok Sabha Elections News: बिहार में महागठबंधन की सरकार है. 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है इसको लेकर सभी पार्टियों की नजर है. महागठबंधन में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हैं तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) हैं. महागठबंधन में शामिल नेताओं की ओर से हाल ही में दिए गए बयानों पर नजर डालें तो बिहार में नीतीश के बाद अगला सीएम कौन होगा इसको लेकर अलग-अलग फैक्टर काम करने लगा है. आइए विस्तार से समझते हैं.
बिहार में अगले सीएम की बात की जाए तो सबसे चर्चित नाम है तेजस्वी यादव का और सीएम नीतीश भी कई बार कह चुके हैं कि डिप्टी सीएम को ही अब आगे बढ़ाना है. अगले सीएम की बात की जाए तो इन दिनों 'UTS' (उपेंद्र, तेजस्वी और संतोष मांझी) फैक्टर रेस में है. सीएम कौन होगा या नहीं होगा लेकिन नीतीश कुमार मझधार में जरूर फंस जाएंगे. क्योंकि कल तक बिहार में सिर्फ तेजस्वी का नाम ही सीएम चेहरा के लिए जाना जा रहा था. अब उपेंद्र कुशवाहा और संतोष सुमन का भी नाम लिया जाने लगा है. ये तीनों महागठबंधन में ही शामिल हैं.
अचानक यूटीएस फैक्टर की चर्चा क्यों?
सीएम नीतीश कुमार ने 16 फरवरी को समाधान यात्रा का समापन किया है. वहीं जीतन राम मांझी गरीब संपर्क यात्रा पर निकल गए हैं. एक तरफ लोकसभा का चुनाव है 2024 में जिसके लिए नीतीश कुमार विपक्षी एकता को एकजुट करने में लगे हैं. बिहार की महागठबंधन में सरकार में शामिल कई दल सीएम को इस रेस में आगे करना चाह रहे हैं. तेजस्वी को बिहार का सीएम बनाना चाह रहे हैं. लेकिन महागठबंधन में शामिल कई नेताओं को तेजस्वी पसंद नहीं हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने संतोष सुमन को सीएम बनाने की मांग की है. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया है कि वह सीएम क्यों नहीं हो सकते हैं? अचानक अब बिहार की महागठबंधन सरकार में तीन-तीन सीएम चेहरे हो गए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के बयान के क्या हैं मायने?
16 फरवरी को एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री पद को लेकर बयान दिया है. कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बने तो फिर जंगलराज वापस आएगा. राजनीति में लोग संघर्ष करते हैं और उनमें सत्ता हासिल करने की आकांक्षा भी होती है. मैंने सत्ता में रहने के बजाय सड़क पर रहना चुना. आज भी मैं अपने लिए नहीं पार्टी के लिए संघर्ष कर रहा हूं. उनसे बिहार के मुख्यमंत्री बनने की चाहत को लेकर सवाल किया गया जिस पर उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखता है तो मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं? अब इस बयान के मायनों को लेकर सियासत तेज है.
जीतन राम मांझी ने दी अलग हवा
महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने अरवल में एक बयान देकर अलग ही हवा दे दी. गरीब संपर्क यात्रा के तहत जीतन राम मांझी अरवल पहुंचे थे. इसी दौरान बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन को सीएम बनाने की मांग की. उसके कई कारण बताए. मांझी ने कहा कि संतोष पढ़ा-लिखा है. उसे मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. मुख्यमंत्री के लिए बहुतों का नाम आता है, वैसे लोगों को पढ़ा सकता है. वह नेट है. प्रोफेसर है. सब कुछ है. सिर्फ यही है कि वह भुइयां जाति से आता है. जो दलित हैं, गरीब तबके के लोग हैं जिसकी आबादी 90 प्रतिशत है, उसका नेतृत्व नहीं होगा?
बिहार का अगला सीएम कौन होगा यह वक्त बताएगा लेकिन यह तो तय है कि महागठबंधन में ही शामिल दलों में अब तीन-तीन सीएम चेहरे की चर्चा होने लगी है. बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए यह कहना मुश्किल है.
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