Lok Sabha Election: जेडीयू नेता ने PM मोदी और रामदेव पर क्यों की आपत्तिजनक टिप्पणी? 2024 के लिए सियासी प्रयोग तो नहीं!
Bihar Politics: जेडीयू के नेता गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर घमासान मचा हुआ है. बीजेपी से लेकर जेडीयू और आरजेडी ने उनके द्वारा सेना को लेकर दिए बयानों पर आपत्ति जताई है.

पटना: जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool balyawi) एक बार फिर अपने बयानों से सुर्खियों में आ गए हैं. बलियावी ने नवादा में एक मुस्लिम समाज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाबा रामदेव और बाबा बागेश्वर पर निशाना साधा. बलियावी के बयान के बाद सियासी गलियारे में भी चर्चा जोरों पर है और उनके बयान को 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बलियावी के बयान पर बीजेपी और उनकी ही पार्टी आक्रामक हो रही है. साथ ही आरजेडी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उनका इस बयान से कई कयास लगाए जा रहे. साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर किसी तरह का प्रयोग की भी बात कही जा रही.
बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया
जेडीयू नेता के बयान पर जहां बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा कि बलियावी को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो 80% में पसमांदा समाज को उनकी संख्या के अनुपात में पूरा सम्मान, न्याय, भागीदारी दिलाने के लिए धर्म सुधार आंदोलन चलाएं. बलियावी का बयान हिंदू सनातन धर्म, धर्म गुरुओं के साथ भारतीय सेना के खिलाफ है. इधर, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि हमारी पार्टी ऐसा मानती है कि सेना के शौर्य और पराक्रम पर सवाल उठाने का अधिकार किसी को नहीं है. ऐसे मुद्दे राजनीति के लिए नहीं होने चाहिए. सेना का मनोबल बढ़ा रहना चाहिए.
जेडीयू ने भी सेना पर बयान को बताया गलत
आगे कहा कि गुलाम रसूल बलियावी ने किस परिस्थिति में ऐसा बयान दिया यह तो पता नहीं, लेकिन संवैधानिक पद पर रहने वाले लोगों को ऐसे बयान से बचना चाहिए. हमारी पार्टी इन सब पर इत्तेफाक नहीं रखती है. पार्टी हमेशा सेना का सम्मान करती है. उधर, आरजेडी ने भी गुलाम रसूल बलियावी के बयान की निंदा की. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सेना पर इस तरह का बयान किसी को देना उचित नहीं है. सेना का सम्मान करना चाहिए. एक सवाल के जवाब पर उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सेना को अपना कॉपीराइट मानती है जिसका हम लोग विरोध करते हैं .
सेना पर बयान को लेकर चुनाव में किसी को कोई फायदा नहीं
अब सवाल उठता है कि गुलाम रसूल बलियावी ने ऐसे समय में यह बयान दिया है जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है और सभी पार्टियां अपनी तैयारी में जुटी है. क्या इस बयान को लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से देखा जा रहा है? इस पर पटना के राजनीति विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार कहते हैं कि सेना पर बलियावी का दिया हुआ बयान गलत है. ऐसा नहीं है कि सेना में बहाली जाति और धर्म को देख कर की जाती है. सभी लोग सेना की बहाली में जाते हैं. मुस्लिम समुदाय भी सेना में है. इस तरह के बयान से सभी को बचना चाहिए.
आगे कहा कि उन्होंने अपने समाज के लोगों के बीच इस तरह का बयान देकर सुर्खियां भले बटोर लीं, लेकिन इस बयान से कोई राजनीतिक फायदा किसी को होने वाला नहीं है. जहां तक मामला बाबा रामदेव पर दिए गए बयान का है तो उस बयान को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देखा जा सकता है. यह मुद्दा अगर उठता है तो विपक्षी पार्टियों के लिए यह बड़ा मुद्दा हो सकता है. सिर्फ बलियावी के बयान देने मात्र से इस मुद्दे पर बीजेपी को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा .
रामदेव पर उठाया गया मुद्दा कारगर साबित होगा
पत्रकार संतोष कुमार ने कहा कि बलियावी का बाबा रामदेव पर दिया गया बयान आगामी लोकसभा में चुनावी मुद्दा बन सकता है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा बाबा रामदेव को कई जगह योग खोलने के नाम पर मुफ्त जमीन दी गई है. कई जगह बहुत कम पैसे में लीज पर जमीन दी गई है, लेकिन उस जगह पर बाबा रामदेव अपना कारोबार करते हैं. कई तरह के प्रोडक्ट वह बनाते हैं और मार्केट में बेचते हैं. जो योग सिखाते हैं उसके भी पैसे लेते हैं. तो जब बाबा रामदेव पूरी तरह कारोबारी हो गए हैं और हर चीज का कारोबार कर रहे हैं तो उस पर सरकार को पैसे लेने चाहिए.
बड़े नेताओं को उठाना चाहिए रामदेव का मुद्दा
उन्हें देश के कई जगहों पर मुफ्त में या लीज पर जमीन दी गई है, यह मुद्दा विपक्ष उठा सकती है और लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा कारगर हो सकता है. सिर्फ बलियावी के इस तरह के बयान देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. अगर नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव या देश के कोई बड़े लीडर इस मुद्दे को उठाते हैं तो लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा कारगर होगा और असर भी पड़ सकता है.
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