पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने हाजीपुर सीट (Hajipur Seat) को लेकर बड़ा खुलासा किया है. वो ना सिर्फ अपने चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर गरम हुए बल्कि बता दिया कि इस सीट पर किसका हक है. इस दावे का उन्होंने कारण भी बताया और पशुपति पारस को दो टूक में जवाब दे दिया. इस सीट को लेकर चिराग पासवान का अब तक सबसे बड़ा बयान और दावा माना जा रहा है जिसके बाद सियासी गलियारे में चर्चा तेज है. शुक्रवार (18 अगस्त) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चिराग ने जमकर हमला बोला है.
चिराग पासवान ने कहा कि यह गठबंधन की बात है और गठबंधन में उस वक्त यह गलत दृष्टि में दिखता है जब दो घटक दल एक सीट को लेकर जनता के बीच में खींचतान करते हैं. पशुपति पारस पर तंज कसते हुए कहा कि अगर गठबंधन से आपको ग्रीन सिग्नल मिल जाए तो आप दावा कर सकते हैं. चिराग ने कहा कि हम दावा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम गठबंधन में जाने के पहले तमाम अपनी चिंताओं पर चर्चा कर चुके हैं. आज अगर हम हाजीपुर सीट को लेकर दावा की बात करते हैं तो गठबंधन में हमको यह अधिकार मिला है कि हम यह बात बोलें.
चाचा पशुपति पारस को कहा कि हम आग्रह करते हैं कि आप अगर कोई भी सीट पर दावा करते हैं तो पहले गठबंधन में जाइए. इस तरह की बात करना कि दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है, किसकी औकात है यह गलत है. यह तो अपनी गठबंधन को चुनौती देने की बात जैसा है जो पूरी तरह गलत है. ऐसी बात गठबंधन के भीतर ही सुलझ जाए तो ज्यादा अच्छा है.
चिराग ने कहा- आप लोग मेरे लक्ष्य को समझें
क्या बांग्ला फिर वापस आएगा? इसके जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि अगर हम बंगले की लड़ाई लड़ते तो गठबंधन से अलग नहीं होते, हम उस वक्त ही नतमस्तक हो जाते और बंगला-मंत्रालय सब मिल जाता. उन्होंने कहा आप लोग जानिए कि मैं किस लक्ष्य पर चल रहा हूं. हम 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के लक्ष्य पर चल रहे हैं और आप लोग हमें बंगले को लेकर क्रॉस कर रहे हैं.
चाचा पर तंज- मेरे संस्कार में ये नहीं
पशुपति पारस की ओर से लगातार चिराग पर की जा रही बयानबाजी और नाली के कीड़े जैसा शब्द के इस्तेमाल पर चिराग पासवान ने कहा कि मैं ऐसे परिवार से आता हूं कि यह मेरा संस्कार नहीं है. उनके पास तो यहां तक अधिकार है कि कल होकर वह हम पर हाथ भी उठा लेंगे तो मैं पलट कर जवाब नहीं दूंगा. वह हमसे उम्र में भी काफी बड़े हैं और रिश्ते में काफी बड़े हैं. क्या यह शोभा देगा कि मैं उन पर पलट कर जवाब दूं?
चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार भी हमसे बड़े हैं, लेकिन मैं उनकी नीतियों का विरोध करता हूं. मेरे चाचा कोई नीति लेकर आएंगे, मैं उससे सहमत अगर नहीं रहूंगा तो मैं उसका भी विरोध करूंगा. हम एक ही परिवार से आते हैं. परिवार के बारे में इस तरह की भाषा बोलना गलत है.
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