पटना: 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में सभी पार्टियां जुट चुकी हैं. 25 फरवरी को ही बिहार की महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Sarkar) ने पूर्णिया में बड़ी रैली की थी और अल्पसंख्यक वोटरों को लुभाने की कोशिश की गई थी. इस इलाके में इन्हीं वोटरों पर नजर है. महागठबंधन की महारैली के बाद अब एआईएमआईएम (AIMIM) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार के इस इलाके के लिए गेम प्लान तैयार होने लगा है.


दरअसल 18 और 19 मार्च को असदुद्दीन ओवैसी बिहार आ रहे हैं. वह सीमांचल इलाके में दौरा करेंगे. इसके लिए पोस्टर-बैनर भी बन चुके हैं. एक पोस्टर में लिखा गया है- "कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, मौसम का रुख बदलने वाला है. बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब का सीमांचल में तूफानी दौरा." पूर्णिया और किशनगंज जिले में दौरा कर कई स्थानों पर सभा करेंगे. सीमांचल में मुस्लिम वोटरों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे. इससे सीधा-सीधा महागठबंधन को झटका लगने वाला है.



2020 में दिखा था ओवैसी का जलवा


असदुद्दीन ओवैसी का बिहार में जलवा पहले भी दिख चुका है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 20 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिसमें पांच जीतकर विधायक बने थे. उनकी पार्टी को 2020 में कुल 523279 वोट मिले थे. अमौर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने 52515 वोटों से जेडीयू प्रत्याशी सबा जफर को हराया था. बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद अंजार नईमी ने वीआईपी के प्रत्याशी लखन लाल पंडित को 45215 वोटों से हराया था.


इसी तरह बैसी विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के प्रत्याशी सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने 16373 वोटों से बीजेपी प्रत्याशी विनोद कुमार को हरा दिया था. जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के प्रत्याशी शाहनवाज ने 7383 वोटों से आरजेडी के प्रत्याशी सरफराज आलम को मात दिया था. कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद इजहार असफी ने जेडीयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम को 36143 वोटो से हराया था.


बाद में टूट गए चार विधायक


हालांकि करीब एक साल आरजेडी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी में सेंधमारी करके पांच में से चार विधायक को अपने पाले में कर लिया था. सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ही अभी एआईएमआईएम के विधायक के रूप में मौजूद हैं लेकिन एक बार फिर सीमांचल के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी ताकत झोंकने की तैयारी शुरू कर दी है. 2020 की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में वह कामयाब हुए तो महागठबंधन के लिए मुश्किल हो सकता है. सीमांचल में पूर्णिया और किशनगंज जिला मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है जिस पर असदुद्दीन ओवैसी की नजर है. 


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