पटना: एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं तो दूसरी ओर अपने ही घर से उन्हें झटका लग सकता है. इस तरह के सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि 'हम' (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सोमवार (12 जून) को अपने बयान में इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया है. मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनाव में अब एक सीट पर भी नहीं लड़ेंगे.


सोमवार को पटना में पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि हर आदमी को आशावादी होना चाहिए. नीतीश कुमार को भी कामयाबी मिलेगी. 23 तारीख को एक से एक विपक्षी दल के लोग यहां जुट रहे हैं. हम समझते हैं कि कामयाबी मिलेगी. विपक्षी एकता गठित होगी और आने वाले दिन में जिस रास्ते पर वो चलना चाहते हैं उसमें नीतीश कुमार को सफलता मिलेगी.


'...आप जो समझ लीजिए'


एक सवाल पर कि विपक्षी एकता की बैठक में आप नहीं होंगे इस पर मांझी ने कहा कि हम क्या हैं और लोग क्या समझते हैं उससे मतलब नहीं है. मतलब है कि हमारे नेता नीतीश कुमार हैं और वही जब इस बैठक में जा रहे हैं, को-ऑर्डिनेशन कर रहे हैं तो हम नहीं भी रहें तो भी सब कुछ है. कितनी सीटों पर लड़ेंगे इस पर मांझी ने कहा कि ये सब छोड़िए. हम एक भी सीट पर नहीं लड़ने जा रहे हैं. इस पर जब पत्रकारों ने कहा कि आप मजाक कर रहे हैं या सही में बोल रहे हैं तो मांझी ने हंसते हुए कहा कि आप जो समझ लीजिए. इशारों-इशारों में हंसते हुए मांझी अपनी बात कह गए.


बयान पर कायम नहीं हैं मांझी


बता दें कि जीतन राम मांझी कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे. लगातार वह यह बात कह रहे थे कि वो पांच सीट पर 2024 में चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके पहले उनके बेटे संतोष सुमन ने तो यहां तक कहा था कि उनकी सारी सीटों पर तैयारी है. अब मांझी का इस तरह का बयान देना खटक रहा है. नीतीश कुमार से भाव न मिलता देख मांझी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. 


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