पटना: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सभी पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. बीजेपी के खिलाफ 'इंडिया' गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को कई सीटों से ऑफर भी आने लगे हैं कि वो वहां से चुनाव लड़ें. दावा किया गया है कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट, मिर्जापुर, कानपुर, अंबेडकर नगर आदि से लड़ते हैं तो अवश्य जीतेंगे. ऐसे में सवाल है कि एक सांसद प्रत्याशी कितनी सीटों से चुनाव लड़ सकता है? नियम क्या कहते हैं? जानिए.
इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार जैसे कई नेता दो जगह से चुनाव लड़े हैं. 1957 में अटल बिहारी वाजपेई ने तीन जगह से चुनाव लड़ा था जिसमें बलरामपुर, मथुरा और लखनऊ की सीट शामिल थी. क्या नीतीश कुमार भी तीन-चार सीट से लड़ सकते हैं?
तीन-तीन सीटों पर लड़ा गया है चुनाव
जानकार बताते हैं कि चुनाव लड़ने को लेकर एक निश्चित एक्ट है- 'जन प्रतिनिधित्व अधिनियम' जिसके तहत सारी प्रक्रियाएं होती हैं. इस एक्ट की धारा 33 किसी व्यक्ति की उम्मीदवारी के लिए सीटों की सीमा तय करती है. देश में दो सीटों से चुनाव लड़ने के ढेरों उदाहरण मिल जाएंगे. वहीं वर्ष 1996 तक तो कुछ नेताओं ने तीन-तीन सीटों से चुनाव लड़ा है.
केवल दो सीटों पर लड़ सकते हैं चुनाव
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33 के मुताबिक एक उम्मीदवार एक से ज्यादा कितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ सकता था. बाद में इसको लेकर जब सवाल उठने लगे तो साल 1996 में धारा 33 में संशोधन किया गया. इसके बाद धारा 33 (7) के अनुसार कोई भी उम्मीदवार केवल दो सीटों पर ही एक साथ चुनाव लड़ सकता है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नालंदा लोकसभा क्षेत्र गढ़ माना जाता है. अब उत्तर प्रदेश में जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने चार लोकसभा सीटों पर अपना दबदबा बताया है. ऐसे में नीतीश कुमार को तय करना है कि वह कहा से चुनाव लड़ते हैं. हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कह चुके हैं कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है, लेकिन फैसला तो नीतीश कुमार को ही करना है.
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