पटना: विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन (India Alliance) में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता है. महागठबंधन (Mahagathabandhan) की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जेडीयू (JDU) के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर आरजेडी (RJD) के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था. ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जेडीयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है. इस स्थिति में जेडीयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है.


सीट बंटवारे पर बोले थे सीएम


दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं. आने वाले लोकसभा चुनाव में जेडीयू के आरजेडी सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. जबकि, पिछले चुनाव में जेडीयू के प्रत्याशी आरजेडी और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा.


एनडीए से महागठबंधन में चले गए हैं सीएम नीतीश


फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है. आरजेडी का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जेडीयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता. बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की नेतृत्व वाले एनडीए में नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी शामिल थी. उस चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 39 पर एनडीए को जीत मिला था. बीजेपी को 17 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी को 6 सीट, नीतीश कुमार की पार्टी को 16 सीटें और एक सीट कांग्रेस को मिली थी. जबकि इस बार नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गए हैं. इससे सीटों का समीकरण पूरा उलझता दिख रहा है.


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