Watch: विपक्षी बैठक से CM नीतीश की तस्वीर क्रॉप कर क्या संकेत दे रही बीजेपी? JDU-RJD ने रिएक्शन दिया
Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने छह जुलाई को अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया है. इसमें विपक्षी एकता की बैठक की एक तस्वीर है. इसमें नीतीश नहीं दिख रहे.
पटना: बीजेपी ने 23 जून को पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक की एक तस्वीर के जरिए शामिल नेताओं को भ्रष्टाचारी बताया है. हालांकि इस बैठक की तस्वीर से सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की फोटो हटा दी गई है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बगल में नीतीश थे लेकिन उनकी तस्वीर बीजेपी द्वारा बनाए गए वीडियो में नहीं दिख रही है.
सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर को जिस तरह से क्रॉप किया गया है इसको लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सवाल उठ रहा कि यह संयोग है या प्रयोग? क्या बिहार में कोई बड़ा खेल होने वाला है? वैसे आरजेडी और जेडीयू अटकलों को हवा देने के मूड में नहीं. बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए गए वीडियो पर बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
लालू-नीतीश को अलग करना चाहती है बीजेपी: आरजेडी
इस पूरे मामले पर आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने बताया कि बीजेपी चाहती है कि लालू और नीतीश के बीच दूरियां पैदा हो जाएं. इसके लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलेगी. 2024 चुनाव जीतने के लिए यह सब कर रही है. 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक से बीजेपी डरी और घबराई हुई है. लालू नीतीश साथ आए. यह दोनों देश में विपक्षी दलों को बीजेपी के कुशासन के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं. नौ साल में बीजेपी जनहित के मुद्दों पर विफल रही. देश में डर का माहौल है. अब विपक्ष एकजुट हो रहा है इसलिए बीजेपी बेचैन है. लालू-नीतीश को अलग करना चाहती है.
जेडीयू ने कहा- गुमराह करने की कोशिश
जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा कि बौखलाहट में बीजेपी चाहे जो भी कुछ कर ले, बीजेपी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है. जनता किसी भी सूरत में 2024 में बीजेपी की सत्ता में वापसी नहीं होने देगी. बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जिस तरह नीतीश की फोटो को क्रॉप कर अन्य विपक्षी दल के नेताओं को भ्रष्टाचारी बताया गया है, यह करके जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई है.
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
बता दें नीतीश कुमार ने हाल ही में अपने विधायक, विधान पार्षदों और सांसदों से वन टू वन मुलाकात की है. बीजेपी भी नीतीश पर बयानबाजी से बच रही है. लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है जिसमें तेजस्वी का नाम आरोपी के तौर पर शामिल है. भ्रष्टाचार पर नीतीश की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. 2017 में रेलवे टेंडर घोटाले में तेजस्वी का नाम आने पर नीतीश ने खुद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में कयासों का दौर जारी है.
चर्चा तो यह भी है कि लालू परिवार की ओर से नीतीश पर तेजस्वी के लिए कुर्सी छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. नीतीश के करीबी आईएएस अधिकारी केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच जारी विवाद पर भी आरजेडी-जेडीयू आमने-सामने है. इस सबके बीच सवाल उठ रहा है कि क्या जेडीयू और बीजेपी फिर साथ आ सकते हैं?
यह भी पढ़ें- Neha Singh Rathore FIR: नेहा सिंह राठौर पर फिर दर्ज हुआ केस, भड़की लोक गायिका का रिएक्शन भी आया, जानें मामला