कोचिंग में हुई मोहब्बत, मंदिर में शादीः बिना बैंड-बाजा के लॉकडाउन में एक-दूसरे के हुए समीर और रितिका
बुधवार को गया के विष्णुपद मंदिर में एक प्रेमी जोड़े की शादी हुई. इस शादी में दूल्हे के माता-पिता सहित पांच लोग ही मौजूद थे. ना कोई हाथी ना कोई बैंड बाजा. बस चट मंगनी और पट ब्याह हो गया. इस दौरान कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के सभी नियमों का अनुपालन भी किया गया.
गयाः शाहरुख खान की फिल्म 'ओम शांति ओम' का एक डायलॉग है, 'कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है'. इस तरह के डॉयलॉग कई बार जिंदगी में फिट भी बैठ जाते हैं. ऐसा ही हुआ है गया के विष्णुपद मंदिर में एक प्रेमी जोड़े के साथ. दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और चार साल के बाद एक-दूसरे के हो गए.
दरअसल, बुधवार को गया के विष्णुपद मंदिर में एक प्रेमी जोड़े की शादी हुई. इस शादी में दूल्हे के माता-पिता सहित पांच लोग ही मौजूद थे. ना कोई हाथी ना कोई बैंड बाजा. बस चट मंगनी और पट ब्याह हो गया. इस दौरान कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के सभी नियमों का अनुपालन भी किया गया. जयमाला हुआ और लड़के ने लड़की की मांग में सिंदूर भरकर हमेशा के लिए उसे अपना बना लिया. मंदिर में पंडित ने मंत्र पढ़ा और शादी खत्म हो गई. लड़की के घर से उसके माता-पिता नहीं आए थे लेकिन उसका भाई आया था.
शादी की जिद पर अड़े थे समीर और रितिका
प्रेमी युगल समीर राज और रितिका ने बताया कि चार साल पहले दोनों पढ़ाई के दौरान कोचिंग में एक-दूसरे से मिले थे. उसी समय से दोनों के बीच प्रेम हो गया. चार साल से प्यार तो करते थे लेकिन घरवाले नहीं मान रहे थे. हालांकि दोनों अपने जिद पर अड़े रहे. इसके बाद बुधवार को दोनों ने मंदिर में आकर शादी की. मंदिर से बाहर निकलने के बाद भिखारियों को दान देकर घर चले गए.
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