जहानाबाद: जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सोमवार को हुए आतंकी हमले में एक SPO और CRPF के दो जवान शहीद हो गए. इन शहीदों में जहानाबाद के रतनी फरीदपुर प्रखंड के अइरा गांव निवासी लवकुश शर्मा भी शामिल हैं. उनके शहादत की खबर से घर में कोहराम मच हुआ है. पत्नी अनीता का रो-रोकर बुरा हाल है.
पति के शहादत से आहत अनिता से जब यह पूछा गया कि आपको सरकार से क्या उम्मीद है तो वो भड़क गईं. उन्होंने कहा, " मुझे सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. जब वो मेरे पति की ही रक्षा नहीं कर पाई तो हमारी क्या करेगी. हमें सरकार से कोई मदद नहीं चाहिए क्योंकि वो कुछ भी कर ले अब मेरा परिवार वापस नहीं कर सकती. अगर सरकार में वाकई दम है तो मेरा परिवार वापस करे."
बता दें कि शहीद जवान लवकुश ने 2014 में सीआरपीएफ की 119वीं बटालियन जॉइन की थी. पिछले साल वो 25 दिसम्बर को छुट्टी में घर आए थे और जनवरी में छुट्टी बिता कर वापस बारामूला लौटे थे.
मिली जानकारी अनुसार कल रात आखरी बार उनकी पत्नी अनिता और पिता सुदर्शन शर्मा से बात हुई थी. शहीद के पिता ने बताया कि धारा 370 हटने के बाद वह करीब एक साल से बारामूला में तैनात था और उससे पहले आसाम में ड्यूटी थी. नम आंखों से पिता ने कहा कि हाल ही में चाचा के निधन पर वह घर नहीं आ पाया था, लेकिन जल्द फिर छुट्टी में आने की बात कही थी.
बता दें कि पिता की शहादत का खबर सुनकर 9 वार्षिय सूरज और 3 वर्षीय अनन्या कुमारी स्तब्ध हैं. वहीं पत्नी अनिता का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता सुदर्शन शर्मा को तो मानो काठ मार गया है. इधर पूरा गांव शहीद के पार्थिव शरीर के आने और अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहा है.