Madhepura News: बिहार के रिटायर्ड शिक्षक ने बेटे की शादी में जरूरतमंद छात्राओं को दी एक लाख की राशि, दहेज लेने से किया मना
Marriage Without Dowry: मधेपुरा में पेशे से शिक्षक रहे एस.एन.पी.एम प्लस टू विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. निरंजन कुमार ने अपने बेटे की शादी में मिसाल पेश की है. शुक्रवार को रिसेप्शन पार्टी थी.
मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा में एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने बेटे की शादी के उपलक्ष्य में शुक्रवार को 10 गरीब जरूरतमंद मेडिकल और इंजीनियरिंग की छात्राओं के बीच 10-10 हजार रुपये का चेक दे कर नई मिसाल पेश की है. पेशे से शिक्षक रहे एस.एन.पी.एम प्लस टू विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. निरंजन कुमार शिक्षा ग्रहण करने के दौरान गरीब और निर्धन छात्र-छात्राओं की परेशानी को नजदीक से देखा और परखा है. शादी में फिजूलखर्ची के बजाय जरूरतमंद और गरीब छात्रों के बीच पैसों का वितरण किया गया. दहेज भी नहीं लिया गया है.
रिसेप्शन में बांटी राशि
बताया जाता है कि इससे पहले भी अपनी बेटी की शादी में स्कूली शिक्षा से जुड़ी 10 छात्राओं को पांच-पांच हजार रुपये का चेक दे चुके थे. वहीं इस बार जब बेटे की शादी उन्होंने आदर्श तरीके से की तो मेडिकल और इंजीनियरिंग के मेधावी गरीब छात्राओं को सहायता करने का मन बनाया. इसके लिए मधेपुरा के जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज और बी.बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य से पांच-पांच छात्राओं की सूची लिए और उन्हें 10-10 हजार का चेक दिया. डॉ. निरंजन के पुत्र नितेश मानव इंजीनियर हैं और उनकी पत्नी खुशबू खंडेलवाल बैंकर हैं. ये लोग राजस्थान के जयपुर में रहते हैं. वहीँ इनकी बीते दो दिसंबर को शादी हुई थी. बीती रात मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज के निकट उनके घर पर वर-वधु का स्वागत का कार्यक्रम रखा गया जहां 10 मेडिकल और इंजीनियरिंग की छात्राओं के बीच एक लाख की राशि वितरित हुई.
छात्रों को मिले 10-10 हजार रुपये
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने डॉ निरंजन कुमार के प्रयास की सराहना की.बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज की आंचल कुमारी, कल्पना कुमारी, खुशबू कुमारी गुप्ता, भारती कुमारी और स्तुति आंचल और जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज के शहजादी समर, साक्षी कुमारी, प्रियंका कुमारी, श्रेया रानी, कुसुम रजक को 10-10 हजार का चेक दिया गया. चेक पाकर छात्राओं ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज शिक्षा काफी महंगी हो गई है. सरकारी कॉलेज के होने के बाद भी कई खर्च होते हैं जिसके लिए सोचना पड़ता है.
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