मधुबनी: आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. फैयाज अहमद के आवास और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीबीआई की छापेमारी से उनके समर्थक आक्रोशित हो गए. बुधवार को दिन भर सीबीआई की टीम जांच करती रही. दावा किया गया कि फैयाज अहमद के यहां से सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लगा. रात में खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. इधर जांच को लेकर समर्थक और आरजेडी कार्यकर्ता दिन-भर उनके आवास के आसपास जमे रहे.


बुधवार की अल सुबह शुरू हुई छापेमारी करीब 18 घंटे तक चली. जांच के दौरान छापेमारी के विरोध में धरना भी दिया गया. धरना के बाद शाम को पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया. इस दौरान लोगों की सीआरपीएफ के जवानों से बहस हुई. सीआरपीएफ जवानों पर पत्थर भी बरसाए गए जिससे उनकी गाड़ी का पिछला शीशा टूट गया. कुछ जवान भी घायल हो गए. जवानों ने हवाई फायरिंग के लिए राइफल भी कॉक कर लिया. इसके बाद फैयाज अहमद ने घर से बाहर निकलकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. 


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जांच में किया सहयोग: फैयाज अहमद


इधर, फैयाज अहमद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जांच टीम को उनके और परिवार के सदस्यों की ओर से सहयोग किया गया. जांच में कुछ भी नहीं मिला. कुछ छुपाने लायक था ही नहीं तो क्या मिलेगा? सुरक्षा बल द्वारा जो लाठीचार्ज किया गया है तो वो अच्छा नहीं है. इधर, सूत्रों के मुताबिक छापेमारी में करीब 45 लोगों की टीम शामिल थी. सीआरपीएफ की गाड़ी पर हमले के बाद देर रात सदर एसडीओ एवं सदर डीएसपी स्टेडियम रोड स्थित छापेमारी स्थल पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई. 


बीजेपी जिलाध्यक्ष शंकर झा ने छापेमारी को लेकर कहा कि इस केस या कार्रवाई के लिए जेडीयू की भी सहमति थी. बीजेपी और जेडीयू दोनों ने इस पर एक साथ सहमति जताई थी. अगर किसी ने कुछ गलत नहीं किया है तो उसे डरने की जरूरत नहीं है. वहीं जेडीयू प्रदेश सचिव विक्रमशिला यादव ने कहा कि बीजेपी के नेता महागठबंधन पर हमला करने का काम करते रहते हैं. गिरिराज सिंह, सुशील कुमार मोदी जैसे नेता सोशल मीडिया पर सभी प्रतिरोध की भाषा का इस्तेमाल करते रहते हैं.


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