पटना: कोरोना काल में देश भर में मिथिला पेंटिंग वाले मास्क को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. बिहार के मिथिला में बनने वाले इन मास्क को देश के अलग-अलग राज्यों से लोग ऑर्डर कर मंगवा रहे हैं. मुश्किल घड़ी जहां एक ओर यह मास्क लोगों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रख रहा है, वहीं दूसरे तरफ मास्क बनाने के काम से जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है.


पीएम मोदी ने की सराहना


पीएम मोदी ने भी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में इन मिथिला आर्ट वाले मास्क की चर्चा की. उन्होंने कहा कि "सही और सकारात्मक अप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में, विपत्ति को विकास में बदलने में, बहुत मदद मिली है. अभी हम कोरोना का समय भी देख रहे हैं कि कैसे हमारे देश के युवाओं और महिलाओं ने आने टैलेंट और स्किल के दम पर कुछ नया प्रयोग शुरू किया है. बिहार में कई महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप ने मिथिला पेंटिंग वाले मास्क बनाना शुरू किया है. देखते ही देखते यह अब खूब पॉपुलर हो गए हैं. यह मिथिला पेंटिंग वाले मास्क एक तरह से अपने परंपरा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को स्वास्थ्य के साथ रोजगार भी दे रहे हैं."


मास्क को ऑनलाइन मार्केट देने की तैयारी


इस संबंध में जब मधुबनी डीएम निलेश देवरे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "प्रशासनिक स्तर से भी मिथिला पेंटिंग वाला मास्क बनाने वाले कलाकारों की मदद की जा रही है. हम जनता और कलाकारों के बीच ब्रिज बनाने का काम कर रहे हैं, ताकि इनके मास्क को मार्केट मिल सके. इसके लिए हमने हैंडीक्राफ्ट विभाग के साथ मिलकर इन कलाकारों की एक लिस्ट फोन नंबर के साथ बना ली है, जिसे हमने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. मैंने भी उसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है. ताकि जिसे भी मास्क लेनी हो वो डायरेक्ट इन कलाकारों से कांटेक्ट कर सके."


उन्होंने कहा कि "आज पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान मिथिला पेंटिंग वाले मास्क की तारीफ सुनकर अच्छा लगा. अब हम लोग इन मास्क को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म देने की तरफ काम कर रहे हैं. इस संबंध में हमने अमेजन वालों से बात की है. दरसअल, पोस्टिंग को लेकर मास्क की कीमत बढ़ जाती है ऐसे में मुनाफा कमा होता है, इसलिए हमने इसे ऑनलाइन प्लेटफार्म देने का फैसला लिया है."


कलाकारों को मिलेगा नया उत्साह


वहीं इस संबंध में जब मभुबनी के रहिका प्रखंड के जितवारपुर गांव निवासी कलाकार रेमन्त कुमार मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि " पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में मिथिला पेंटिंग मास्क्स के बारे में की गई चर्चा को सुनकर काफी अच्छा लगा है और इससे मेरे साथ ही बाकी कलाकार जो इस काम में जुटे हैं उनका उत्साह बढ़ा है. अब हम केवल यही चाहते हैं कि राज्य सरकार भी हमारी कुछ मदद करे, इस ओर जागरूकता अभियान चलाए जिससे की हमें मदद मिल सके."


रेमन्त ने बताया कि " देश के कोने-कोने से मास्क के ऑर्डर आ रहे हैं. हमारे सेंटर में मौजूदा समय में लगभग 300 लोग मास्क बनाने के काम में जुटे हैं. हमें जैसे ही ऑर्डर मिलता है, हम उस काम में जुट जाते हैं और जल्द से जल्द मास्क तैयार कर लोगों तक पहुंचा देते हैं. अब तक हमलोगों ने 12,000 मास्क पोस्ट किया है और अभी कुछ ऑर्डर पेंडिंग है."


इधर, मधुबनी के झंझारपुर प्रखंड के लोहना गांव निवासी मिथिला पेंटिंग कलाकार नूतन झा का कहना है कि "पीएम मोदी के सराहना के बाद लोगों में जारूकता आएगी और मास्क की डिमांड ओर ज्यादा बढ़ेंगी. मुसीबत के समय मे यह काम छोटे-छोटे कलाकारों को जीविका प्रदान कर रही है. हम बस यही चाहते हैं कि इस काम से बिचौलियों को हटाया जाए ताकि मुनाफा सीधे कलाकार तक पहुंच सके."


बता दें कि बिहार की लोककला मिथिला पेंटिंग एक विश्वविख्यात आर्ट फॉर्म है. पूरे विश्व में मशहूर माने जाने आर्ट फॉर्म में से मिथिला पेंटिंग भी एक आर्ट है. बिहार के मिथलांचन में प्रसिद्धि इस आर्ट फॉर्म को बनाने में नेचुरल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं कलाकार उंगलियों, लकड़ियों, माचिस की तीलियों की कलाकृति को आकार देने में उपयोग करते हैं.