पटनाः मगध यूनिवर्सिटी (Magadh University) के छात्र एक महीने से यूनिवर्सिटी परिसर में ही धरना पर बैठे हैं. छात्रों का आरोप है कि पांच-पांच साल से डिग्री नहीं मिल रही है. सालों से परीक्षा नहीं हो रही है. वहीं, जो परीक्षा 2-3 पहले हुई उसका रिजल्ट अब तक नहीं आया. क्लास नहीं चलता. वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के कर्मी भी हड़ताल पर हैं. इनकी अलग समस्या है. आरोप है कि किसी को वेतन नहीं मिल रहा तो किसी को कहीं पैसा लेकर प्रमोशन कर दिया गया है और भ्रष्टाचार हो रहा है.
जन अधिकार परिषद के अध्यक्ष और छात्र नेता अशोक यादव ने कहा कि वह पीजी कोर्स 2015-17 बैच के हैं. पांच साल हो गया. डिग्री अब तक नहीं मिली है. वो अभी पीएचडी कर रहे हैं. कहा कि अगर मांग नहीं पूरी हुई तो करीब छह लाख छात्रों के साथ मगध विश्वविद्यालय बोध गया से पटना तक पैदल मार्च करेंगे. राजभवन का घेराव करेंगे. वहीं छात्र रोहित कुमार ने कहा कि वह पीजी कोर्स 2018-20 बैच का है. आठ महीने पहले परीक्षा फॉर्म भरा था. अब तक परीक्षा नहीं हुई. कई और छात्रों ने ऐसी ही समस्या सुनाई.
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हर छात्र के पास ऐसी ही समस्या
एक छात्र रविंद्र कुमार ने कहा कि वह बीएड सत्र 2020-22 का छात्र है. पहले साल की परीक्षा हुई लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं आया. एक साल पहले ही परीक्षा हुई थी. वहीं स्नातक कोर्स सत्र 2014-17 के छात्र हंसराज ने कहा कि चार साल से डिग्री के लिए मगध विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहा है लेकिन अब तक डिग्री नहीं मिली है. इसी तरह कई छात्रों से एबीपी न्यूज ने बातचीत की. हर छात्र के पास इसी तरह की समस्या है.
विश्वविद्यालय के कर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी ओर मगध विश्वविद्यालय परिसर में यहां के कर्मचारी भी धरना पर हैं. उन लोगों ने कहा कि यहां वे 25-30 साल से काम कर रहे हैं. उनके जूनियर को प्रमोशन दे दिया गया. पैसा लेकर प्रमोशन दिया गया. यहां भ्रष्टाचार हो रहा है. वहीं अन्य कर्मचारियों का कहना है की सैलरी सालों से नहीं आ रही है.
विश्वविद्यालय के कुलपति फरार
इस पूरे मामले में जब एबीपी न्यूज की टीम मगध विश्वविद्यालय परिसर में वीसी, प्रो वीसी, रजिस्ट्रार के दफ्तर में गई तो वहां ताला लटका था. बताया गया कि यहां के कुलपति रहे राजेंद्र प्रसाद नवंबर 2021 से फरार हैं. एसवीयू ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. पटना उच्च न्यायालय ने मई में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के वीसी आरके सिंह को मगध विश्वविद्यालय के वीसी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. छात्रों का आरोप है कि वह नहीं आते हैं.
मगध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रवि कुमार एडिशनल एग्जामिनेशन कंट्रोलर के पद पर भी हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं से हम लोग अवगत हैं. लंबित कोर्सों की परीक्षाएं समय पर हो जाएंगी. जो डिग्री अब तक नहीं मिली बच्चों को वह मिल जाएगी. परीक्षा परिणाम जो अबत क जारी नहीं हुए हैं वह भी जारी होने लगे हैं. सभी समस्याओं को समय रहते निपटा लिया जाएगा.
क्या कहते हैं बिहार क शिक्षा मंत्री?
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में हर समय सब चीज समय पर हो यह संभव नहीं है. दो साल से कोरोना काल था. इसमें मगध विश्वविद्यालय में सेशन 1-2 साल लेट हो गया तो उसको अस्वभाविक कैसे कह सकते हैं. छात्रों में असंतोष है तो सरकार की पूरी हम दर्दी उनके साथ है. आंदोलन कर रहे छात्रों से कहना चाहता हूं कि आप लोग के मामले में सरकार सक्रिय है. हमने सभी विश्वविद्यालय के प्रशासन से बातचीत की है. उन लोगों ने आश्वासन दिया है कि आने वाले समय में छात्रों के विभिन्न समस्याओं को दूर करेंगे. सत्र नियमित रूप से चलेगा. बाकी अन्य समस्याएं भी ठीक हो जाएंगी.
बता दें कि मगध विश्वविद्यालय की स्थापान 1962 में हुई थी. इसके अंतर्गत 129 कॉलेज हैं, जिसमें 85 कॉलेज एफिलिएटेड हैं. मगध यूनिवर्सिटी में स्नातक, स्नातकोतर समेत अन्य 704 पाठ्यक्रमों का पढ़ाया जाता है. यहां पर 2 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं. जबकि इन छात्रों को पढ़ाने के लिए दो हजार से अधिक शिक्षक हैं.
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