पटनाः बिहार विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के विभिन्न ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की. एसवीयू के अपर महानिदेशक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद और मगध विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों के विरूद्ध जालसाजी एवं आय से अधिक सम्पत्ति जमा करने को लेकर 16 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने बताया कि राजेंद्र प्रसाद ने मगध एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए सामान खरीदी और नियुक्ति आदि के मद में लगभग 30 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है.


70 लाख नकद दस्तावेज भी बरामद


विशेष निगरानी इकाई की अदालत से आदेश प्राप्त कर टीम ने गया स्थित राजेंद्र प्रसाद के निवास कार्यालय एवं गोरखपुर स्थित उनके निजी आवास पर बुधवार की सुबह से तलाशी शुरू की गई. तलाशी के दौरान खरीदी से संबंधित संचिका कार्यालय में न होकर कुलपति के निवास स्थान से मिला, जो संदेहास्पद है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के रामगढ़ ताल स्थित राजेंद्र प्रसाद के घर की तलाशी के दौरान 70 लाख रुपये नकद, लगभग 15 लाख रुपये मूल्य के गहने और लगभग 5 लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा के अलावा कुछ अन्य कीमती सामान एवं दस्तावेज बरामद हुए हैं.


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नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि यह पता चला है कि राजेंद्र प्रसाद ने तत्कालीन वित्तीय पदाधिकारियों पर गलत॑ ढंग से भुगतान करने का दवाब डाला और उनके द्वारा इनकार किए जाने पर उन्हें अपने रसूख का प्रयोग कर विश्वविद्यालय सेवा से बाहर कर दिया. उसके बाद उन्होंने अपने चहेते पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय में पदस्थापित कर उनसे अपने मन मुताबिक भुगतान करवाया.


हर महीने मिलीभगत से किया जाता गबन


तलाशी के दौरान यह भी पता चला की विश्वविद्यालय परिसर में मात्र 47 गार्ड कार्यरत हैं जबकि 86 के लिए भुगतान राशि की निकासी की जा रही है और देय राशि की तुलना में बहुत ही कम राशि का भुगतान किया जाता है. वहीं बाकी राशि का दुरुपयोग आपसी मिलीभगत से हर महीने गबन किया जाता है.



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