पटना: सुरक्षा व्यवस्था में तैनात मजिस्ट्रेट को अपने पुलिसकर्मियों से पानी मांगना महंगा पड़ गया. मजिस्ट्रेट ने जैसे ही कहा कि पानी ला कर दो तो पुलिसकर्मी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए और उलझ (Patna News) गए. पुलिसकर्मियों ने कहा मैं क्यों पानी लाकर दूं. मैं सरकार का नौकर हूं, आपका पर्सनल नौकर नहीं हूं. दरअसल, गुरुवार को पटना के दीघा घाट पर पशु एवं मत्स्य विभाग द्वारा गंगा नदी में 1 लाख 5 हजार मछली के बच्चे को छोड़ने का कार्यक्रम था. इसके लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एन विजय लक्ष्मी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और मछलियों को गंगा नदी में छोड़ा. 


वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है


इस कार्यक्रम के पूर्व सुबह से ही पुलिस लाइन से पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और इसके लिए इस पर मजिस्ट्रेट बीपी गुप्ता को रखा गया था. कार्यक्रम शुरू होने के पहले बीपी गुप्ता ने एक पुलिसकर्मी से पानी लाने को कहा जिस पर महिला पुलिसकर्मी भड़क गई और कहा हम पानी लाकर नहीं देंगे फिर सभी पुलिसकर्मी भी एकजुट हो गए और मजिस्ट्रेट का विरोध करने लगे. इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में महिला पुलिसकर्मी कह रही है कि 'हमनी के नौकर है क्या उनकर? हम सरकार के नौकर हैं'. उनका पर्सनल नौकर हैं क्या? अपने खुद सुबह से वह लोग नाश्ता कर रहे हैं तो हम लोग को पूछे क्या? और हमसे पानी मांग रहा है. अपना मुंह देखा है क्या?'


इसकी शिकायत पुलिस लाइन के डीएसपी से करूंगा- वीपी गुप्ता 


मजिस्ट्रेट वीपी गुप्ता ने कहा कि हमने मानवता के तौर पर पानी मांगा था. पानी तो कोई भी किसी से मांग लेता है और पिला देता है. हम अपना बोतल लेकर आते हैं तो इन लोगों को पानी पिलाते हैं, लेकिन ये लोग मेरी बात को प्रतिष्ठा बना लिए तो मैं इसकी शिकायत पुलिस लाइन के डीएसपी से करूंगा.


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