पटना: बिहार के सीमांचल में बीजेपी (BJP) को जवाब देने के लिए महागठबंधन सरकार की ओर से रैली होगी. यानी रैली का जवाब रैली से देने की तैयारी हो रही है और इसी से शायद ताकत दिखाने का प्रयास होगा. बीजेपी की रैली के बाद महागठबंधन की ओर से सीमांचल में तीन रैलियां आयोजित होंगी. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने बीते रविवार को यह घोषणा की है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन की रैली का उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव कायम करना है. ये रैलियां बिहार के किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में होंगी.
दरअसल, अमित शाह बिहार दौरे पर इसी महीने 23 सितंबर को आने वाले हैं. ऐसे में बीजेपी की ओर से सीमांचल में इसको लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. महागठबंधन की ओर से रैली करने का एलान हो गया है कि हालांकि दिन तय नहीं हुआ है. कहा जा रहा है कि दशहरा के बाद तारीख भी तय हो जाएगी. इस रैली में महागठबंधन के सभी दलों के नेता के मौजूद होने की पूरी संभावना है.
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अमित शाह के दौरे को लेकर ललन सिंह का हमला
इधर, गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे और उनकी रैली को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने हमला किया. ललन सिंह ने तंज कसते हुए बताया कि आखिर अमित शाह बिहार के सीमांचल में क्यों आ रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति है कि देश की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा शुरू नहीं हो जाए इसलिए वे धार्मिक उन्माद पैदा करने की कोशिश करते हैं. पूर्वांचल में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. लोगों का ध्यान हटे इसलिए लोगों में उन्माद पैदा करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि अमित शाह इसीलिए आ रहे हैं कि धार्मिक उन्माद पैदा करें.
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