पटनाः वेब सीरीज महारानी-2 का दर्शकों को काफी दिनों से इंतजार था. इसके लिए खास कर वो इंतजार कर रहे थे जिन्होंने इसका पहला सीजन देखा था. अब सीजन-2 आ गया है लेकिन आज हम बात करेंगे बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का जिन्होंने इस वेब सीरीज के एक गाने को अपनी आवाज दी है. इस गाने को लेकर शारदा सिन्हा काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. महारानी-2 का गाना 'निरमोहिया' (Sharda Sinha Nirmohiya Song) ना सिर्फ वायरल हो रहा है बल्कि शारदा सिन्हा के इस गाने और उनकी आवाज को जबरदस्त प्यार मिल रहा है. शारदा सिन्हा से एबीपी न्यूज ने वेब सीरीज और कई अन्य मुद्दों पर इसको लेकर बात की है.
शारदा सिन्हा 80 के दशक से बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगिंग को लेकर सक्रिय हैं. बिहार के सुपौल जिले (उन दिनों सहरसा) में जन्मीं शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड के लिए 1989 में गाना गाया था. सलमान खान की यह फिल्म थी. कहे तोसे सजना ए तोहरी सजनिया... यहां से शुरुआत कर शारदा सिन्हा ने मुश्किल भरे दौर भी देखे जिसके बाद 2022 तक का सफर कैसा रहा इस पर खुल कर उन्होंने अपनी बात कही. महारानी 2 के निरमोहिया को लेकर अनुभव के बारे में कहा कि हुमा कुरैशी (Huma Qureshi) के साथ काम करके अच्छा लगा. वेब सीरीज बिहार की राजनीति पर आधारित है, इसलिए इससे लगाव है. मौजूदा दौर में जो चला है बिहार में उसके बाद इस फिल्म से भावनाएं जुड़ गई हैं.
विकास के लिए सरकार की स्थिरता जरूरी
बिहार की राजनीति पर पर कुछ सवालों के जवाब देते हुए शारदा सिन्हा ने कहा कि यहां इन दिनों खूब उथल-पुथल है. हालांकि बिहार के परिप्रेक्ष्य में ये सही नहीं है क्योंकि विकास के लिए सरकार का स्थिर रहना जरूरी है.
तेजस्वी या चिराग नया भविष्य कौन?
बातचीत में जब शारदा सिन्हा से बिहार में राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल किया गया तो इस पर भी खुलकर जवाब दिया. पूछा गया कि बिहार के लिए आने वाले समय में तेजस्वी यादव या फिर चिराग पासवान कौन भविष्य हो सकता है? इस सवाल के जवाब में शारदा सिन्हा ने कहा कि यह तय करना मुश्किल है पर बिहार के लिए यही भविष्य हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है. बिहार की राजनीति में आने वाले भविष्य को सोच कर चलना होगा. चाहे चेहरा कोई भी हो.
क्या चुनाव लड़ेंगी शारदा सिन्हा?
इस दौरान बातचीत में एक सवाल पर कि क्या शारदा सिन्हा चुनाव लड़ेंगी? इस पर शारदा सिन्हा ने हंसते हुए जवाब दिया. कहा कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना है, पर बाकी राज्यों की तरह राज्यसभा कोटे में जिस तरह बड़ी हस्तियों को भेजा जाता है वैसा बिहार सरकार नहीं सोचती. विधान परिषद का जिक्र करते हुए उदासीनता दिखाई.
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