पटना: देश का ऐतिहासिक तीर्थ स्थल तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद अब दूसरे स्थान पर पटना का महावीर मंदिर पहुंच गया है जहां सबसे अधिक प्रसादों की बिक्री होती है. मंदिर की आमदनी में पिछले 3 महीने में जबरदस्त इजाफा हुआ है और अभी प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा की आय आंकड़ा सामने आया है. इसकी जानकारी देते हुए महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि मुझे बहुत हर्ष हो रहा है कि पिछले 3 महीने से लगातार 10 लाख से ज्यादा प्रतिदिन मंदिर की आमदनी हो रही है.
मंदिर को पांच स्रोत से आय हो रही है. जिनमें भेंटपात्रों से निकली चढ़ावे की राशि, कर्मकाण्ड शुल्क, नैवेद्यम् की बचत राशि, स्वैच्छिक चंदे से प्राप्त राशि, विक्रय केन्द्रों की बचत राशि और बैंक ब्याज शामिल हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ इसे असाधारण उपलब्धि बताते हैं. इसमें अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं की आय-व्यय राशि शामिल नहीं है, बल्कि यह राशि सिर्फ मंदिर से है.
उन्होंने बताया कि 1987 में महावीरमंदिर के नए रूप से कार्य प्रारंभ किया गया था, उस वक्त प्रतिदिन 11,000 रुपये की आमदनी महावीर मंदिर की होती थी जो आज 10 लाख में हो चुकी है.
प्रतिदिन सवा लाख किलो बिकता है अवेद्यम प्रसाद
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर में सबसे ज्यादा आमदनी नैवेद्यम प्रसाद से है. पिछले कुछ महीने से नैवेद्यम की बिक्री सवा लाख किलो प्रतिदिन हो चुकी है, जिसमें मंगलवार और शनिवार को और ज्यादा बिक्री होती है. उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर जीतनी नवेद्यम प्रसाद की बिक्री हो रही है. यह पूरे देश के सबसे पहला तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद दूसरे नंबर पर पटना महावीर मंदिर का रिकॉर्ड है. महावीर मंदिर के पास उस वक्त कोई जमीन नहीं थी जो अभी सवा 100 एकड़ जमीन मंदिर के नाम से है.
अयोध्या राम मंदिर को 10 करोड़ देने का संकल्प
उन्होंने बताया कि वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और बेहतर प्रबन्धन से मंदिर की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. कोरोना काल के बाद महावीर मंदिर में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना का से पहले मंदिर की प्रतिदिन 10 के आसपास थी. महावीर मंदिर द्वारा संचालित अस्पतालों में रियायती दरों पर समुचित इलाज, गरीबों की मदद, भर्ती मरीजों को निःशुल्क भोजन जैसे परोपकारी कार्यों से लोगों की आस्था मंदिर के प्रति लगातार बढ़ती जा रही है.
महावीर मंदिर ने अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में 10 करोड़ का सहयोग का संकल्प लिया है, उसमें से 6 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं, दो दो करोड़ जुलाई महीने में दिए जाएंगे और बाकी दो करोड़ मंदिर के उद्घाटन होने से 15 दिन पहले दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति या एक संस्थान के द्वारा अयोध्या राममंदिर का चंदा की सबसे बड़ी राशि पटना महावीर मंदिर के द्वारा दी गई है.
महावीर मंदिर की देख रेख में बिहार के कई मंदिर का हो रहा विकास
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पटना के महावीर मंदिर का ही सिर्फ विकास नहीं हो रहा है. इस मंदिर के नेतृत्व में बिहार के कई जिलों में मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इनमें हाजीपुर के प्रसिद्ध पौराणिक गजेन्द्र मोक्ष स्थल, कोनहरा घाट पर एक भव्य विशालनाथ मंदिर और वैशाली जिला के इस्माइलपुर में नवीन आकर्षक राम जानकी मंदिर का निर्माण किया है.
महावीर मंदिर के प्रति अतिशय श्रद्धा भाव के कारण मुजफ्फरपुर के स्व दिलीप साहु ने वहां का विशाल रामजानकी मंदिर, मनमोहन मंदिर और हनुमान मंदिर को वर्तमान महावीर मंदिर के नाम कर दिया है, उन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है.
इसी तरह गया के शैलेश कुमार सिन्हा ने वहां कचहरी के पास स्थित माधवानन्द मंदिर महावीर मंदिर को सौंप दिया है. कोइलवर के पास सकड़डीह के श्री रंजी सिंह ने एक हनुमान मंदिर सौंपा है, जिसके पास मेन सिक्स लेन मार्ग पर एक बीघा जमीन है.वहां भव्य शिव मंदिर बन रहा है.
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