Malook Peethadhishwar Rajendra Das Maharaj News: "हम सीताराम जी से प्रार्थना करते हैं कि कोई ऐसा अवसर बने कि भारत के विभाजन की रेखा सर्वदा समाप्त हो जाए. ना रहे बांग्लादेश ना रहे पाकिस्तान. अखंड भारत हो." यह बातें मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने बक्सर में कहीं. वे बक्सर में आयोजित सीताराम विवाह महोत्सव में बीते गुरुवार (05 दिसंबर) को पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने इस तरह का बयान दिया है. 


'मस्जिदें तोड़ी जाएं तो निकलेंगी भगवान की प्रतिमाएं'


बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने कहा कि इसका मूल कारण हिंदुओं का असंगठित होना है. वहीं त्रिदंडी स्वामी के शिष्य "गंगा पुत्र" ने भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, "देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड की मांग की थी. उसमें हम भी थे. हमने बोला था कि इस धरती पर जितनी मस्जिदें हैं अगर उसे तोड़ा जाए तो उसके नीचे से भगवान की प्रतिमाएं ही प्रकट होंगी."


उन्होंने कहा, "इससे पहले कोई धर्म था ही नहीं. 95 हजार करोड़ वर्ष पुराना सनातन धर्म है, जिसमें हम और आप विराजमान हैं. इससे पहले कोई धर्म था ही नहीं. मुसलमान तो 1600 वर्ष पहले से हैं. इसके पहले भगवान बुद्ध थे. जिन्होंने जीवों की हत्या पर रोक लगाई. अहिंसा परमो धर्म का उपदेश दिया." 


'सारे संत चाह दें तो मुसलमान सिर नहीं उठा सकते'


आगे गंगा पुत्र ने कहा, "ईसाइयों को अगर देखा जाए तो ये 1100 वर्ष पूर्व से हैं. उससे पहले विक्रम संवत है. इससे पहले कोई दूसरा धर्म नहीं था. अगर भारत के सारे संत चाह दें तो मुसलमान सिर नहीं उठा सकते. अगर रहना है तो हमारे भारत वर्ष में रहीम की तरह रहें तो उनका सम्मान है. कंस ने अत्याचार नहीं किया होता तो भगवान धरती पर नहीं आते. भगवान की जगह पर संत महात्मा ही ईश्वर हैं. 2027 में भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा.


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