पटना: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. ममता बनर्जी के इस एलान से एक तरफ जहां 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के लिए यह झटका माना जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब सवाल उठा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का अगला कदम क्या होगा? नीतीश कुमार ने ही विपक्षी एकता की मुहिम की शुरुआत की थी और कई विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया था. अब ममता बनर्जी के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि इंडिया गठबंधन पहले ही न बिखर जाए. इस बीच जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने प्रतिक्रिया दी है.
केसी त्यागी ने कहा कि हम चिंतित भी हैं और कष्ट में भी हैं. नीतीश कुमार के मैराथन प्रयासों के बाद इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आया था. ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को यही आशंका थी कि कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने में दिक्कत है. इसलिए गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी वाला गठबंधन बनना चाहिए.
'...नहीं तो संकट में आ जाएगा गठबंधन'
केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमार जी के प्रयास के बाद यह लोग पटना में आने के लिए तैयार हुए. हमें अफसोस है कि बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस को सहृदयता दिखानी चाहिए थी उसका अभाव है. कांग्रेस कई राज्यों में किसी पार्टी के साथ सीट शेयर करने के लिए तैयार नहीं है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से अनुरोध है कि वो दखल दें नहीं तो यह गठबंधन संकट में आ जाएगा."
जेडीयू नेता ने कहा कि यह कष्ट की घड़ी है और बड़े दल को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी कि सीट शेयरिंग को लेकर काम बहुत धीरे चल रहा है. पिछले दिनों अधीर रंजन के जो बयान आए, जिसमें राष्ट्रपति शासन की मांग थी. इस पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे नहीं कहा कि आप इस तरह के बयान ना दें. स्थिति बहुत ही नाजुक है और दुर्भाग्यपूर्ण है.
बता दें कि ममता बनर्जी ने कहा है कि टीएमसी बंगाल में किसी से तालमेल नहीं करेगी. उनके दल को बंगाल में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही कांग्रेस ने इस बारे में उन लोगों से कोई चर्चा की.
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