पटनाः बिहार में कोरोना वायरस के आने के बाद विपक्ष लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सरकार पर हमलावर है. विपक्षियों के ऐसे सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अगर पूर्व की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया होता तो आज परेशानी नहीं होती. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एबीपी न्यूज ने बात कर रहे थे.
मंगल पांडेय ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं पर पूरे देश भर में खर्च हो रहा है. अभी पूरे देश का फोकस हेल्थ और एजुकेशन पर है. अगर पहले की सरकार द्वारा पूर्व में ही मेडिकल कॉलेज के निर्माण किए गए होते तो आज डॉक्टरों की कमी नहीं होती. देश के प्रधानमंत्री का ध्यान इसपर गया तो आज जगह-जगह मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. डॉक्टरों की बहाली हो रही है. आने वाले दिनों में टेक्निकल एजुकेशन लोकल भाषाओं में दिए जाने की बात पर विचार हो रहा है ताकि अधिक से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ लोगों की टीम तैयार हो सके हमारे देश में इसके लिए बजट में भी बढ़ोतरी की गई है.
'ऑक्सीजन को लेकर क्राइसिस, लेकिन उसे भी ठीक किया गया'
बिहार में टेस्टिंग और कोरोना मरीजों के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार की आबादी 12 करोड़ से अधिक है. ग्रामीण क्षेत्रों में जो कह रहे हैं कि जांच की कोई प्रक्रिया नहीं है वो गलत है. अगर जांच नहीं होती तो राज्य में जब बीमारी बढ़ गई होती. पॉजिटिविटी रेट 16 प्रतिशत से भी अधिक चली गई थी और आज पांच प्रतिशत पर आ गई है. ये आंकड़े बता रहे हैं कि जांच हुई है. इस बार क्राइसिस ऑक्सीजन को लेकर दिखी पर उसमें कहीं से भी कोई कमी नहीं होने दी. आगे प्रबंधन बेहतर हो सके इसके लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं.
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