पटनाः देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. कुछ विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी जो स्थिति को इससे ज्यादा भयावह बना सकती है. ऐसे में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर दिन इसकी सूची भी जारी की जाती है कि कितने लोगों ने वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज ली है. अब सवाल उठता है कि हर दिन जो आंकड़े जारी किए जा रहे हैं, उनमें कितनी सच्चाई है? एबीपी बिहार के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो जारी किए गए आंकड़ों पर सवाल खड़े करने के लिए काफी हैं. पढ़ें एबीपी बिहार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
पटना के कदमकुआं इलाके के एक मोहल्ले में रहने वाले दंपति राम बाबू सिंह और इंदु देवी को कोरोना वायरस का टीका लेना था. दोनों ने इसके लिए बकायदा अपनी बेटी से कोविन ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन कराया. यहां डिटेल भरने के बाद टीका लेने की तिथि दी गई सात मई. साथ में समय भी दिया गया. दिन के 11 बजे से दोपहर के दो बजे तक.
कर्मचारी ने कहा- नहीं मानेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
बताए गए केंद्र और समय के अनुसार दोनों टीका लेने के लिए लोहानीपुर स्थित एक टीकाकरण केंद्र पर जाते हैं. यहां तैनात कर्मी ने यह कहकर टीका नहीं दिया कि वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को नहीं मानता है. उसने यह कहा कि आप सुबह आएं. यहां डायरेक्ट नंबर लगाकर आप दोनों को टीका लगा दिया जाएगा.
टीका लिया नहीं और मोबाइल पर आ गया संदेश
इतना सुनने के बाद वे दोनों दोपहर में ही घर चले आए. शाम होते ही उनके मोबाइल पर यह मैसेज आ गया कि आपने कोरोना की पहली डोज ले ली है. इसके अलावा दूसरी डोज कब लेनी है, इसकी भी जानकारी दे दी गई थी. बकायदा इसका भी जिक्र किया गया किस कर्मचारी ने दंपति को पहला टीका लगाया है.
इधर, मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्होंने अपनी बेटी को इसके बारे में बताया. अधिक जानकारी के लिए बेटी ने रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर कोविन एप पर सर्च किया वहां भी यही जानकारी थी. यहां तो सर्टिफिकेट भी जारी किया गया था. बिना टीका लिए ही सर्टिफिकेट देख दोनों के होश उड़ गए.
फिर कैसे मान लिया जाए सच हैं सरकारी आंकड़े
यह मामला सामने आने के बाद सरकारी व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. ऐसी गलतियों का आखिर जिम्मेदार कौन है? अगर इसी तरीके से बिना टीका लिए ही यह बता दिया जाए कि टीकाकरण किया जा चुका है तो स्वास्थ्य विभाग की ओर हर दिन जारी किए गए आंकड़ों पर आखिर कैसे यकीन करें?
गौरतलब हो कि भारत में 16 जनवरी 2021 से वैक्सीन लग रही है. इस अभियान के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कोविन एप को भी लॉन्च किया. इसके जरिए रजिस्ट्रेशन कर डिटेल देने के बाद वैक्सीन ली जा सकती है. एप भारत में कोरोना टीकाकरण के लिए एक मैनेजमेंट सिस्टम है जो कि क्लाउड आधारित है. इस एप में टीकाकरण केंद्र से लेकर टीका लेने वाले लोगों की पूरी सूची है.
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