बेतिया: तमिलनाडु के सेंट्रल मंडल कारा मदुरई में बंद बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की बेतिया कोर्ट में मंगलवार (27 जून) को पेशी नहीं हो सकी. इसके बारे में बताया गया है कि जेल अधीक्षक ने कोर्ट को पत्र देकर कम समय मे मनीष कश्यप की पेशी कराने में असमर्थता जताई है. यहीं पेंच फंस गया और इसके चलते आज मनीष कश्यप की पेशी नहीं हो सकी. बताया गया कि 15 दिनों के अंदर अगली तारीख पर पेशी हो सकती है.


इस संदर्भ में जिला अभियोजन पदाधिकारी ने बताया कि अगर वहां का न्यायालय आदेश देगा तो यहां पेशी हो सकती है, नहीं तो पेशी की कोई संभावना नहीं है. वहीं मनीष कश्यप के वकील अब्दुल हई ने बताया कि जेल प्रशासन और पुलिस की कार्यवाही में आ रही दिक्कत के कारण मनीष को बेल मिलने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि बेल मनीष का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन फिर भी बेल नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक ज्यूडिशियल रिमांड नहीं होगा तब तक बेल पिटीशन फाइल नहीं की जा सकती है.


किस मामले में होनी थी मनीष कश्यप की पेशी?


चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह के साथ 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट करने एवं रंगदारी मांगने के आरोप में मझौलिया थाने में दर्ज कांड संख्या 737/2020 के नामजद अभियुक्त त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में आज सदेह उपस्थित होना था. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मदुरई जेल अधीक्षक को हर हाल में बेतिया न्यायालय में पेश कराने का आदेश दिया था.


बता दें कि न्यायालय ने सेंट्रल कारा मदुरई के अधीक्षक के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूट्यूबर मनीष कश्यप को पेश कराने के अनुरोध को इनकार करते हुए सदेह उपस्थित कराने का निर्देश दिया था.


इसी साल 17 मार्च को मझौलिया थाने की पुलिस ने भारतीय स्टेट बैंक पारस पकड़ी के शाखा प्रबंधक के साथ दुर्व्यवहार करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज मामले में नामजद अभियुक्त मनीष कश्यप के खिलाफ न्यायालय ने कुर्की जब्ती का आदेश दिया था. 18 मार्च की सुबह कुर्की करने के लिए पुलिस मनीष के घर पहुंची थी. उसी दौरान मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद मनीष कश्यप को ईओयू ने हिरासत में लिया. इसके बाद तमिलनाडु की पुलिस ले गई. वायरल वीडियो के मामले में वह सेंट्रल जेल में मदुरई में बंद है. 


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