पटना: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को मंगलवार (8 अगस्त) को पटना सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया. कोर्ट में पेशी के बाद मनीष कश्यप को बड़ी राहत मिली. अब मनीष कश्यप को तमिलनाडु नहीं जाना होगा. उसे बिहार के जेल में ही रहना है. यदि तमिलनाडु पुलिस को सुनवाई करनी होगी तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेगी क्योंकि मनीष कश्यप को तमिलनाडु के हर केस में बेल मिल चुका है. मनीष कश्यप को पटना के बेउर जेल में रखा जाएगा.


पूरी जानकारी देते हुए मनीष कश्यप के वकील शिवानंद भारती ने बताया कि अब हम लोग मनीष कश्यप की जमानत के लिए बेल फाइल करेंगे. मनीष के वकील ने यह भी कहा कि अगर मनीष कश्यप के समर्थक नारेबाजी या किसी प्रकार का प्रोटेस्ट करेंगे तब उसे तमिलनाडु भेजा जा सकता है क्योंकि पहले इस तरह का हुआ है. पूर्व सांसद दिवंगत शहाबुद्दीन के साथ ऐसा देखा गया था.


मनीष कश्यप के साथ एक आरोपित की हुई पेशी


मंगलवार को मनीष कश्यप के साथ एक और आरोपित शिवराज कुमार की भी पेशी हुई. वह आरा के जेल में बंद था. आज उसे भी पटना के सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया. उसे भी आज बेउर जेल भेजा गया है. पटना में जो भी केस दर्ज हैं उसमें पूछताछ करने के लिए पुलिस रिमांड पर इन्हें ले सकती है.


आज किन दो मामलों में हुए पेशी?


बता दें कि मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु के नाम पर फर्जी वीडियो वायरल करने का मामला दर्ज किया गया है. ईओयू ने चार केस दर्ज किए हैं. इसमें से आज दो केस में मनीष कश्यप की पेशी हुई थी. आज पटना व्यवहार न्यायालय ने उसे बड़ी राहत देते हुए तमिलनाडु के सभी मामलों में बेल दे दी है. जिन दो मामलों में आज मनीष की पेशी हुई है उसमें पहला मामला तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने का है. दूसरा मामला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अपमानजनक शब्द कहे जाने को लेकर पुराने वायरल वीडियो से जुड़ा है.


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