मांझी ने फिर एक बार निजी क्षेत्र में आरक्षण की उठायी मांग, कहा- जल्द ही दिल्ली में करेंगे कार्यक्रम
हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण था, है और जब तक सब बराबर ना हो जाए तबतक रहेगा. दलित-आदिवासीयों के विरोधी ही आरक्षण में संशोधन की बात कह सकतें हैं.
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी हमेशा से आरक्षण के पक्ष में रहे हैं. दलित समाज से आने वाले नेता लगातार पिछड़े वर्ग की मांगों को उठाते रहे हैं. इसी क्रम में फिर एक बार उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठायी है. वहीं, आरक्षण का विरोध या संशोधन की बात करने वालों को दलित-आदिवासियों का विरोधी बताया है.
आरक्षण था, है और रहेगा
हम सुप्रीमो ने बुधवार को अपने एक आधिकारिक ट्वीट में कहा कि आरक्षण था, है और जब तक सब बराबर ना हो जाए तबतक रहेगा. दलित-आदिवासीयों के विरोधी ही आरक्षण में संशोधन की बात कह सकतें हैं. हमारा तो मानना है कि निजी क्षेत्रों और न्यायपालिका में भी आरक्षण हो और इसके लिए जल्द ही हम दिल्ली में कार्यक्रम करेंगें.
आरक्षण था,है और जब तक सब बराबर ना हो जाएं तबतक रहेगा। दलित-आदिवासीयों के विरोधी ही आरक्षण में संशोधन की बात कह सकतें हैं। हमारा तो मानना है कि निजी क्षेत्रों और न्यायपालिका में भी आरक्षण हो और इसके लिए जल्द ही HAM दिल्ली में कार्यक्रम करेंगें।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) February 17, 2021
प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का मिलना चाहिए लाभ
गौरतलब है कि लोकसभा में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब सरकारी सेक्टर उद्योगों के निजीकरण की घोषणा की थी, तब से ही मांझी निजी सेक्टर में भी दलितों को आरक्षण देने की मांग उठा रहे हैं. मांझी का मानना है कि जिस तरह सरकारी नौकरी में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण का लाभ मिलता था, ठीक उसी तरह प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.
सीएम नीतीश ने आरक्षण को लेकर दिया बड़ा बयान
इधर, आरक्षण को लेकर जारी विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है. बुधवार को सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे ये जानकारी नहीं कि ऐसी कोई बहस छिड़ी हुई है कि जिन्हें एकबार आरक्षण का लाभ मिला है, उन्हें दोबारा नहीं मिलेगा. यहां(बिहार) तो बहुत पहले से जो नियम लागू है, उसमें ऐसी बात नहीं है. केंद्र का नियम भी बहुत पहले से लागू है.
उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर सभी के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. लेकिन ऐसा नहीं है कि जो प्रावधान पहले से है, वो नहीं चलेगा. आरक्षण के प्रावधान में यदि कोई परिवर्तन की बात हो, जैसे यहां पिछड़े वर्ग के लिए जो आरक्षण है, उसमें पिछड़ा वर्ग और अतिपिछड़ा वर्ग दो अलग किया हुआ है. ये जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने किया था और वो चल रहा है. हम चाहते हैं कि ये केंद्र में भी हो जाए.
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